इन्दौर – महिलाओं बालिकाओ के संबंधित अपराधो मे कमी लाने हेतु इंदौर पुलिस द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे है, जिसके तहत इंदौर पुलिस द्वारा पुलिस आयुक्त इंदौर शहर श्री राकेश गुप्ता के निर्देशन मे कार्यस्थल पर महिलाओ के लैगिंग उत्पीडन /यौन शौषण के विरुध्द प्राप्त शिकायतो के निराकरण हेतु नगरीय इंदौर स्तर पर “आंतरिक परिवाद समिति” का गठन कर कार्यवाही की जा रही है।
उक्त “आंतरिक परिवाद समिति” की कार्यप्रणाली को समझाने के लिए नगरीय इंदौर की महिला पुलिस अधिकारियो/कर्मचारियों के लिए आज दिनांक 08-07-24 को पुलिस आयुक्त कार्यालय के सभागृह मे एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला का मूल उद्देश्य ये था कि महिलाओ को कार्यस्थल पर सुरक्षित एवं भयमुक्त वातावरण मिले जिससे वह कार्यस्थल पर निर्भिक व स्वतंत्र रुप से कर्तव्य का निर्वहन कर सके।
उक्त कार्यशाला मे अति पुलिस आयुक्त (अपराध/कानून) इंदौर श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव, अति पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) श्रीमती सीमा अलावा, अति पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा) श्रीमती प्रियंका डुडवे, सेंट्रल लैब की डायरेक्टर डॉ श्रीमती विनीता कोठारी, डॉ सरोज अजय (रिटायर्ड प्रोफेसर अटल बिहारी बाजपेयी कॉलेज), श्रीमती रचना जौहरी (डायरेक्टर वाक प्रोडक्शन), श्रीमती सिध्यानी जैन (महिला अधिकारी क्रिकेट एसोसिएसन), सहायक पुलिस आयुक्त (महिला सुरक्षा) श्रीमती अपूर्वा किलेदार, सहायक पुलिस आयुक्त अजाक सुश्री सोनू डाबर सहित इंदौर शहर के विभिन्न थानों की महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारी, आंतरिक परिवाद समिति के सदस्यगण उपस्थित रहें।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अति पुलिस उपायुक्त मुख्यालय श्रीमती सीमा अलावा द्वारा कार्यक्रम मे उपस्थित सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया व कार्यक्रम मे उपस्थित होने के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के दौरान बताया कि इंदौर पुलिस द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओ के लैगिंग उत्पीडन रोकने/यौन शौषण के विरुध्द प्राप्त शिकायतो के निराकरण हेतु "आंतरिक परिवाद समिति" का गठन किया गया है। जिसका मूल उद्देश्य महिलाओ को कार्यस्थल पर सुरक्षित एवं भयमुक्त वातावरण मिले जिससे वह कार्यस्थल पर वह निर्भिक व स्वतंत्र रुप से कर्तव्य का निर्वहन कर सके तथा उक्त समिति द्वारा प्राप्त शिकायत पत्रों का त्वरित निराकरण किया जाता हैं, जिससे पीडित महिला को न्याय प्राप्त हो सके।
कार्यक्रम के दौरान अति पुलिस आयुक्त (अपराध/कानून) श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव द्वारा बताया कि अपने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए अपनी संस्था/कम्पनी में शिकायत करना चाहिए। हर संस्था/कम्पनी को कार्यस्थल की जगह को महिलाओं के प्रति सुरक्षित एवं भयमुक्त वातावरण बनाने के लिए समिति की गठन कर, इसकी अध्यक्षता संस्था या कम्पनी की किसी वरिष्ठ महिला कर्मचारी द्वारा की जानी चाहिए। इसके अलावा इस समिति से सम्बन्धित जानकारी कार्यस्थल पर किसी ऐसी जगह लगायी/चस्पाँ की, जानी चाहिए जहाँ कर्मचारी उसे आसानी से देख सकें।
कार्यशाला मे एक शोर्ट फिल्म विडियों के माध्यम से कार्यस्थल पर होने वाले शोषण के बारे मे जानकारी दी गई। साथ ही कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के बारे मे जानकारी दी गई, एवं इस कानून द्वारा की जाने वाली कार्यवाही, यौन उत्पीड़न के बारे मे जानकारी दी गई। कानून मे शिकायत कौन कर सकता है, शिकायत किसे करें, जिस महिला के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न हुआ है, वह शिकायत कर सकती है। शिकायत किस तरह करें यदि आंतरिक शिकायत समिति को यह लगता है की इससे पहले पीड़ित शिकायत करने में असमर्थ थी तो यह सीमा बढाई जा सकती है, पर इसकी अवधि और तीन महीनों से ज्यादा नहीं बढाई जा सकती। एवं आपके लिये यह जानना बेहद जरूरी है कि इस संबंध में नीतियां (पोलिसी) क्या कहती हैं। ताकि आप उसके अनुसार तैयारी कर पाएं। साथ ही अपने कानूनी अधिकारों को जानें। इससे संबंधिक कानूनों को पढ़ें या किसी कानूनी जानकार से विकल्पों के बारे में जानकारी लें।