“Black Ribbon Initiative” “संकल्प” अभियान के तहत 673वीं कार्यशाला संपन्न.
“Black Ribbon Initiative” अभियान के तहत विद्यापीठ फिजिक्स वाला ऐकेडमी, इंदौर में “सायबर अपराध एवं जागरूकता विषय पर डॉ. वरूण कपूर-अति. पुलिस महानिदेशक द्वारा 673वीं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में एकेडमी के 123 छात्र-छात्राओं एवं 04 व्याख्ताओं ने भाग लिया। कार्यशाला में मुख्य रूप से एकेडमी के सेन्टर हेड नीरज दुबे, बिजनेस हेड कनिश मिश्रा एवं सेन्टर मैनेजर मोहित उदावत उपस्थित थे। कार्यशाला के प्रारंभ में बिजनेस हेड कनिश मिश्रा द्वारा डॉ. वरूण कपूर को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया ।
डॉ. कपूर द्वारा सायबर अपराधों के प्रति सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता पर बल देते हुए कहा
कि डिजिटल वर्ल्ड में आपके द्वारा की जा रही गतिविधियों के प्रति सजग एवं सतर्क रहकर ही अपनी
गतिविधियों को संचालित करे। सायबर अपराधी आपके द्वारा दी गई जानकारियों का दुरूपयोग कर
आपके विरूद्व ही सायबर अपराध कारित करते है। डॉ. कपूर द्वारा अपने व्याख्यान में सायबर बुलिंग,
गेमिंग, फिशिंग, ग्रुमिंग एवं सायबर स्टाकिंग जैसे गंभीर अपराधों के बारे में संबोधित करते हुए इनसे
बचाव के विभिन्न तरीकों एवं सुरक्षा के उपाय बताये। वर्तमान परिवेश में सायबर अपराध की संख्या
तेजी से बढ़ती जा रही है एवं इंटरनेट का उपयोग सभी आयु वर्ग के लोगों के द्वारा किया जा रहा है।
सायबर अपराधियों के निशाने पर विशेषकर महिलाएं एवं बच्चे होते है। जब कभी भी किसी महिला को
कोई अनजान व्यक्ति बार-बार फोन करे, ई-मेल करे, मैसेज करे या चेट बाक्स के माध्यम से संपर्क
करे तो इसकी जानकारी सर्वप्रथम माता-पिता को या फिर किसी विश्वसनीय व्यक्ति को बताये और
आवश्यकता पड़ने पर आई.पी.सी. की धारा 354-डी के तहत अपराध पंजीबद्ध कराये। समय-समय पर
अपनी डिवाइस का साफ्टवेयर अपडेट करे, मजबूत पासवर्ड बनाये, सुरक्षित ई-मेल एवं सुरक्षित लिंक
को ही ओपन करे। सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचे तथा अपनी व्यक्तिगत जानकारी
को सार्वजनिक न करते हुए सुरक्षित रखे। आपकी जागरूकता एवं सतर्कता ही सायबर अपराध से
आपको बचा सकती है। सायबर ग्रुमिंग बच्चों एवं महिलाओं के साथ होने वाला एक विशेष सायबर
अपराध है जिसके अन्तर्गत डिजिटल वर्ल्ड के माध्यम से ऑनलाईन दोस्ती करते हुए अपरिचित व्यक्तियों
द्वारा भावनात्मक संबंध बनाकर आपका अंतरंग एवं व्यक्तिगत डाटा प्राप्त किया जाता है जिसका
उपयोग वें धमकी एवं ब्लेकमेल के लिए किया जाता है। अनजान लोगों से फेसबुक पर दोस्ती न करे
एवं यदि कोई व्यक्ति परिचित भी हो तो भी उसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर ही दोस्त बनाये । डर एवं
लालच देकर आपके साथ फिशिंग के माध्यम से विभिन्न प्रकार के सायबर अपराध अपराधियों द्वारा किये
जाते है। इस संबंध में आपकी जागरूकता एवं सतर्कता ही आपको इन अपराधों से बचा सकती है।
छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का समाधान डॉ. कपूर द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो छात्रों कमशः अक्षत गुप्ता एवं गोल्डन बैज प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत वरूण कपूर को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया गया । सहजता से किया गया। कार्यशाला में शांतनु को डॉ. कपूर ने प्रमाण-पत्र व में बिजनेश हेड कनिश मिश्रा द्वारा डॉ.
सेमिनार के सफल संचालन में श्रीमती नीति दण्डोतिया, निरीक्षक श्रीमती पूनम राठौर व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।