जिला एवं विकासखंड स्तर पर औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु प्रशिक्षण
-इंदौर जिले की मिट्टी और मौसम अश्वगंधा की खेती के लिए उपयुक्त
इन्दौर ।
राज्य औषधी पादप बोर्ड मध्यप्रदेश देवारण्य योजना अंतर्गत “एक जिला एक औषधि उत्पाद “अश्वगंधा” परियोजना के अंतर्गत इंदौर जिले में जिला स्तरीय दो दिवसीय प्रशिक्षक प्रशिक्षण जिला आयुष अधिकारी द्वारा शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय इंदौर में आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण में उन्नत कृषि उत्पादन,उत्पाद के संग्रहण,भंडारण,वितरण,विक्रय आदि विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक,तकनीकी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ.डी.के.मिश्रा,उद्यानिकी विभाग के उप संचालक श्री डी.एस.चौहान,कृषि महाविद्यालय,आत्मा परियोजना शर्ली थॉमस, कृषि विभाग के वरिष्ठ प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। एनजीओ भैयाजी दाणी सेवा न्यास,एन.आई.एम.ए. सदस्यों ने अपने विचार रखते हुए बताया कि अश्वगंधा की खेती से औषधी निर्माताओं की मांग पूरी हो सकती है और विदेश में भी उत्पादों की बहुत मांग है।
आयुर्वेद पर जनसामान्य का विश्वास बढ़ेगा और स्थानीय किसानों की आजीविका भी सुनिश्चित होगी।
प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षक ब्लॉक स्तर पर कृषकों को स्व-सहायता समूह,वन समिति के सदस्यों का प्रशिक्षण आगामी सत्रों में करेंगे।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान धन्वंतरी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। संचालन डॉ.राकेश गुप्ता,डॉ.बख्तियार अशरफी ने किया। अतिथि स्वागत डॉ.शीतल कुमार सोलंकी,डॉ.कमलेश पाटील ने अश्वगंधा के पौधे से किया। प्रमाण-पत्र वितरण प्रधानाचार्य डॉ.ए.पी.एस.चौहान एवं सम्भागीय आयुष अधिकारी डॉ.हंसा बारिया ने किया।