कुछ महिनों पहले इंदौर के कलेक्टर महोदय एवं समाजसेवीयों द्वारा भिक्षावृत्ति को रोकते और इसको जड़ से खतम करने हेतु कितने ही अभियान चलाये गए थे और उसका परिणाम भी सफल रहा था
लेकिन आज की इस्थिति दुबारा वैसी ही हो गई है फिर से यहां भीख मांगने वाले चौराहों चौराहों पर देखे जा सकते है जिसमे बुजुर्ग महिलाएं भंवर कुआँ चौराहे पर देखि गई है जो की वाहन चालक के पास बंद ट्रेफिक मे आ जाती है और पैसे मांगने लगती है इन्हे जरा भी डर नहीं होता है कि सिग्नल एकदम चालू होगा और वह लोग किसी वाहन की चपेट मे ना आ जाए इन्हे इनकी जान का डर बिलकुल भी नहीं होता है
अगर कोई ऐसे भीख मांगने वाले किसी वाहन चलाक से टकरा जाए तो गलती सिर्फ वाहन चलाक की ही मानी जाएगी और उसे ही आरोपी बना दिया जायेगा लेकिन ये जो बुजुर्ग महिलाएं इस प्रकार बीच सड़क चौराहे पर आ जाती है
इन पर नगर शासन को कार्रवाही करना ही होगा तभी इंदौर शहर के नागरिक इस समस्या से निजाद पा सकते है नगर शासन शायद कुछ दिन तक कार्रवाही करने के बाद चुप सा बैठ गया है जबकि अचार सहिंता मे भरपूर अपना पावर दिखाकर कार्रवाहीयॉ की गई थी
नहीं बंद हो रही है इंदौर शहर मे भीख मांगने की परंपरा

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