सेरेब्रोवास्कुलर बीमारियां मानव मस्तिष्क के वास्तविक या संरचनात्मक बदलावों से जुड़ी बीमारियों का समूह हैं। ये बीमारियां वास्तविक मस्तिष्क और उसकी रक्तसंचारित व्यवस्था में विघटन का कारण बन सकती हैं।
सेरेब्रोवास्कुलर बीमारियों का कारण अक्सर रक्त की नसों में ब्लॉकेज, इन नसों के फटने या फिरने की समस्या, या वास्तविक नसों की कमी हो सकती है। इनमें से कई बीमारियां मस्तिष्क के संरचनात्मक हिस्सों को प्रभावित कर सकती हैं, जिनसे व्यक्ति की चेतना, बोलने की क्षमता, याददाश्त और अन्य संचार क्षमताओं में कमी हो सकती है।
सेरेब्रोवास्कुलर बीमारियों में अधिकतर सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, भूखमरी, अस्थायी या स्थायी लकवा, वाक संबंधित संकेत या नुकसान, अनुभव करने में मुश्किल, याददाश्त में कमी, भाषा में त्रुटियां आदि शामिल हो सकती हैं।
सेरेब्रोवास्कुलर बीमारियों के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि इस्केमिक स्ट्रोक, हेमोरेजिक स्ट्रोक, तनाव संबंधित ब्रेन हेमरेज आदि। इन बीमारियों में इलाज के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि दवाइयां, थेरेपी, और कई मामलों में सर्जरी।
इन बीमारियों के निवारण और उनकी पूर्णता रोकथाम के लिए, स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, धूम्रपान और मद्यपान की सीमा, तनाव को कम करना, और नियमित चेकअप आवश्यक माना जाता है।
सेरेब्रोवास्कुलर बीमारियां जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए उन्हें समय रहते चिकित्सा जांच और उपचार के लिए ध्यान देना चाहिए। समय रहते पहचान और इलाज से, व्यक्ति इन बीमारियों के कारणों और उपचार मार्गों को समझकर अपने स्वास्थ्य को संरक्षित रख सकता है।