रिपोर्ट नलिन दीक्षित
यह गिरावट ऐसी है कि किसी कमजोर-बीमार व्यक्ति का दो बोतल खून निकाल दे।
यदि यहाँ से जल्दी इसमें सुधार नहीं आया तो प्राइवेट कंपनी नया निवेश रोक सकती है । डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर पहले से ही हो रहा है। इसके चलते ग्रोथ सुस्त हो जाएगी।
इसका असर शहर से गांव तक दिख सकता है। जरूरत है हालात की गंभीरता को समझ कर कुछ बड़े कदम उठाने की।