रिपोर्ट नलिन दीक्षित
कोर्ट ने माधबी पुरी बुच के साथ SEBI के कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी FIR के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि “शेयर बाजार में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार के मामले में गंभीर सबूत मौजूद हैं।
आरोप हैं कि SEBI ने एक ऐसी कंपनी को लिस्टिंग की इजाजत दी, जो मानकों को पूरा करने में नाकाम रही थी। SEBI के इस फैसले से बाजार में हेरफेर हुआ और निवेशकों को नुकसान हुआ।
आरोप यह भी है कि SEBI और कई कॉर्पोरेट संस्थाओं के बीच मिलीभगत थी, जिसके कारण Insider trading हुई और पैसे का गबन किया गया।
इससे पहले भी माधबी पुरी बुच पर आरोप लगे थे कि
माधबी और उनके पति धवल बुच अडानी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड में इन्वेस्टर थे।
बुच दंपत्ति के पास बरमूडा और मॉरीशस के उन ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी थी, जो अडानी के भाई विनोद अडानी से जुड़े थे।
SEBI में रहने के दौरान माधबी बुच की कंस्टल्टिंग फर्म ‘Agora Partners’ में हिस्सेदारी थी, लेकिन उन्होंने अपने इन निवेशों के बारे में खुलासा नहीं किया था।