रिपोर्ट नलिन दीक्षित
सपा सांसद बर्क ने संभल जामा मस्जिद के मौलाना को दिया था। आदेश, जफर अली ने पूछताछ में SIT को बताया।
उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर 2024 को सर्वे की कार्रवाई के विरोध में कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने सर्वे टीम पर हमला कर दिया था। साथ ही दंगे भी शुरू कर दिए थे। इस मामले में हो रही SIT जाँच में सामने आया है। कि स्थानीय सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद के सदर जफर अली को व्हाटसएप कॉल किया था और कहा था कि जामा मस्जिद में सर्वे मत होने देना। भीड़ इकट्ठी कर लेना।
जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने SIT के सामने इस बात को कुबूल किया कि सांसद जियाउर्रहमान ने उसे सुबह फोन किया और कहा कि वे बेंगलुरु में हैं। बर्क ने कहा था।
सुबह किसी हाल में सर्वे नहीं होना चाहिए, वर्ना हमारी कौम हम पर थूकेगी। फायरिंग का आरोप भी पुलिस पर लगा दें।” जफर ने कहा कि हिंसा से पहले और बाद में बर्क पल-पल की जानकारी ले रहे थे।
रिपोर्टस के मुताबिक, इस मामले में गिरफ्तार जफर अली की जमानत याचिका को एडीजे कोर्ट ने शुक्रवार (4 अप्रैल 2025) को खारिज कर दी। बचाव पक्ष ने जफर अली को बेकसूर बताते हुए जमानत पर रिहा करने की माँग की थी। वहीं, शासकीय अधिवक्ता का कहना था कि जफर अली पर बेहद गंभीर आरोप हैं। इसलिए उन्हें रिहा ना किया जाए।