रिपोर्ट नलिन दीक्षित
रूस के विदेश मंत्री सेरगेई लावरोफ़ ने कहा है कि यूक्रेन की जंग ख़त्म करने की दिशा में रूस और अमेरिका के बीच तीन बातों पर सहमति बनी है।
रियाद में हुई दोनों देशों के बीच वार्ता में तीन बातों पर सहमति बनी है
एक, जल्द से जल्द दोनों देश एक दूसरे के यहां राजदूत नियुक्त करेंगे ताकि दूतावासों को बैंक ट्रांसफ़र पर लगे प्रतिबंधों समेत राजनयिक मिशनों की बाधाओं को दूर किया जा सके।
दो, लावरोफ़ ने कहा कि यूक्रेन समझौते की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और अमेरिका को अपने प्रतिनिधि नियुक्त करने हैं, उसके बाद हम अपने प्रतिनिधियों को नियुक्त करेंगे।
तीन, विभिन्न क्षेत्रों में पूर्ण सहयोग और उसे बढ़ाने की शुरुआत करने के हालात पैदा किए जाएंगे।लावरोफ़ ने कहा, “यह बहुत उपयोगी बातचीत थी. हमने एक दूसरे को सुना और एक दूसरे की बातों पर तवज्जो दी।
लावरोफ़ ने कहा, “यह बहुत उपयोगी बातचीत थी. हमने एक दूसरे को सुना और एक दूसरे की बातों पर तवज्जो दी।
हालांकि जिन मुद्दों पर असहमति थी, लावरोफ़ ने प्रेस कांफ़्रेंस में उनका भी ज़िक्र किया और यूक्रेन के नेटो में शामिल होने को रूस के लिए “सीधा ख़तरा” बताया।
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इस बातचीत की आलोचना करते हुए कहा कि यूक्रेन की ग़ैरमौजूदगी में यूक्रेन पर बात हुई है. इस बैठक में यूक्रेन और यूरोप के किसी अधिकारी को आमंत्रित नहीं किया गया था।
वार्ता के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि इस बातचीत में एक समय बाद यूरोप को भी साथ आना होगा।
रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर रूबियो ने कहा कि सभी पक्षों को रियायत देनी होगी, “हालांकि इस पर तुरंत बात होगी ये अभी नहीं कहा जा सकता. एक समय पर यूरोप को भी शामिल होना होगा क्योंकि उसने भी प्रतिबंध लगाए हैं।