रिपोर्ट नलिन दीक्षित
खबरों के मुताबिक, जेलेंस्की शुक्रवार को व्हाइट हाउस पहुंच सकते हैं।
जहां वे ट्रंप के साथ एक अहम मुलाकात करेंगे इस मुलाकात का मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका के साथ एक आर्थिक और सुरक्षा समझौते को अंतिम रूप देना बताया जा रहा है। हालांकि, इस संभावित समझौते को लेकर यूक्रेन में बहस छिड़ गई है।
कि क्या जेलेंस्की ट्रंप के दबाव में आकर अपनी शर्तों से पीछे हट रहे हैं।
इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है।
ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति से परेशान है। यूक्रेन
तीन साल से रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन बेहद अहम रहा है।
ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद से ही उनकी अमेरिका फर्स्ट नीति ने यूक्रेन को मुश्किल में डाल दिया है। ट्रंप ने बार-बार कहा है कि यूक्रेन को मुफ्त मदद नहीं मिलेगी और इसके बदले उसे अपने दुर्लभ खनिज संसाधनों (रेयर अर्थ एलिमेंट्स) तक अमेरिका को पहुंच देनी होगी. इन खनिजों का इस्तेमाल रक्षा, ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्रों में होता है।
और ट्रंप इन्हें चीन पर निर्भरता कम करने के लिए रणनीतिक संसाधन मानते हैं. जेलेंस्की इसके लिए तैयार नहीं थे। हालांकि अब चर्चा है कि जेलेंस्की इसके लिए तैयार हो गए हैं।