गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य को सशक्त करती प्रसूति सहायता योजना
-एक साल में मिला 18 हजार से अधिक महिलाओं को लाभ
प्रसूति सहायता योजना प्रदेश सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है। प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक अथवा पंजीकृत पुरूष निर्माण श्रमिक की पत्नि की प्रसूति होने पर प्रसूति हितलाभ दिए जाने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार प्रदेशभर में गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले नवजात शिशु के बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाए जाने के लिए इस योजनाओं को प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रसूति सहायता योजना के तहत बीते एक वर्ष में इन्दौर जिले में इस योजनान्तर्गत 18 हजार 98 महिलाओं को 11 करोड़ 44 लाख 400 रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है।
*योजना का मुख्य उद्देश्य*
प्रसूति सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य उच्च जोखिम गर्भावस्था की शीघ्र पहचान, सुरक्षित प्रसव, गर्भवती एवं शिशु के जन्म उपरांत टीकाकरण को समुचित बढ़ावा देना। महिलाओं व शिशुओं के स्वास्थ्यवर्धक व्यवहारों के प्रोत्साहन के लिए नकद प्रोत्साहन राशि के प्रावधान से अनुकूल वातावरण का निर्माण करना प्रमुख है।
*योजना के लाभ*
प्रसूति सहायता योजना के रूप में दो किश्तों में 16 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। प्रथम किश्त गर्भावस्था के दौरान निर्धारित अवधि में अंतिम तिमाही तक चिकित्सक, ए.एन.एम. द्वारा 4 प्रसव पूर्व जाँच कराने पर 4 हजार रुपए की सहायता मिलती है। द्वितीय किश्त शासकीय चिकित्सालय में प्रसव होने पर तथा नवजात शिशु का संस्थागत जन्म उपरांत पंजीयन कराने तथा शिशु को शीघ्र स्तनपान कराने पर तथा शिशु के बेहतर तथा आवश्यक स्वास्थ्य सुधारों के लिए बीसीजी, ओपीव्ही एवं एचबीवी टीकाकरण कराने पर 12 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है।
*पात्रता*
प्रसूति सहायता योजना के तहत पात्रता के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिला एवं प्रसूताएं, सम्बंधित महिला को प्रसूति सहायता शासकीय चिकित्सालय में प्रसव होने की स्थिति में ही देय होती है।
प्रसूति सहायता योजना प्रदेश सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना
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