रिपोर्ट नलिन दीक्षित
कभी न कभी तो यह आँकड़ा सामने आएगा कि हमारे प्रधानमंत्री जी के प्रचार प्रसार पर यह ग़रीब देश कितनी रकम उड़ाता रहा है। लेकिन जो कुछ जब-जब सामने आया है। उसने होश उड़ा दिए हैं।
इनके कार्यकाल में देश के शिक्षा बजट में हर साल कटौती होती रही है। लेकिन इनके सिर्फ़ एक प्रचार कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा पर 2020 से बीते वर्ष तक शिक्षा मंत्रालय को 64.38 करोड़ अब तक ख़र्च करने पड़े हैं।
देश में एक युनिवर्सिटी ऐसी नहीं है।
जो दुनिया की श्रेष्ठ 100 युनिवर्सिटीज में गिनी जा सके।
जो किसी लायक़ थीं उनमें संघी राजनीति घुसेड़ कर तहस-नहस कर दी गईं।
लेकिन प्रचार प्रसार में अमरीका का राष्ट्रपति भी हमारे उस्ताद के आगे पानी भरे।