रिपोर्ट नलिन दीक्षित
अब अटारी-वाघा सीमा बंद होने के बाद पता चल रहा है कि पाकिस्तान से तो भारत के मुसलमानों का रोटी-बेटी का संबंध है।
अकेले पंजाब में ही 83,000 औरते है।
जिनका निकाह पाकिस्तान में हुआ है और वो पाकिस्तान की नागरिकता न लेकर यहीं बच्चे पैदा कर रही है और उन्हें भारत की नागरिकता मिल रही है।
इस हिसाब से तो पूरे देश में ऐसी लाखों महिलाएं होगी जो निकाह करने के लिए पाकिस्तान जाती होगी और बच्चे पैदा करने के लिए हिन्दुस्तान। ये कैसा जनसंख्या जिहाद है।
अगर मोदी सरकार पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश नहीं देती तो इसका पता ही नहीं चलता।
दुनिया में सबसे अधिक मुसलमान पुरुष भारत में ही हैं मुझे लगता है।
फिर भी इन्हें निकाह पाकिस्तान में करना है। वहाँ निकाह करके फिर मायके आकर सालों तक बैठे रहने का क्या तुक है।
इनके लिए एक ही देश है पूरे ब्रह्माण्ड में – ‘उम्माह’। उसके अलावा बाकी सब छलावा है।
संविधान वगैरह सबकुछ।
पूरा हिन्दुस्तान खतरे में है।
जागो हिंदुस्तानियों जागो
सरकार के एक फैसले ने कितनी बड़ी फाल्ट लाइन बाहर ला दी है। क्या यही भारत में ISI एजेंट्स है।
भारतीय ख़वातीनों के लाइन लगी हुई है जिन्होंने पाकिस्तान में शादी की हुई है।
अब पाकिस्तान वाले इन्हें वापस नहीं ले रहे है, बोल रहे भारतीय औरतों का निकाह अवैध है।
इन्हें घुसने नहीं देगे। शायद भारत से आटा, चावल की तस्करी के लिए पाकिस्तानियों ने इनसे नकली निकाह किया था।
इन्हें पूरे भारत में शौहर नहीं मिलते, पाकिस्तान के ख़ुफ़िया तंत्र के वेपन बनते है ऐसे लोग।
अभी तो पता नहीं कितने राज खुलेंगे।