अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉं. वरूण कपूर द्वारा “Black Ribbon Initiative” ’’सहयोग’’ अभियान के तहत स्टेट बैंक के ग्राहकों एवं आफिसर्स के लिये ^^Safegaurding of customer’s interest from Cyber fraud” विषय पर 670वीं कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला में 50 ग्राहकों एवं 10 बैंक अधिकारियों ने भाग लिया । कार्यशाला में मुख्य रूप से बैंक के उप महाप्रबंधक (व्यवसाय एवं परिचालन) श्री सतीष चन्द्र गुप्ता, सहायक महाप्रबंधक (एसएमई) श्री गोविंद सोलंकी, मुख्य प्रबंधक (परिचालन) श्री दीपक शर्मा, एवं उप प्रबंधक श्री कमलेश रघुवंशी उपस्थित रहे । कार्यशाला के प्रारंभ में उप महाप्रबंधक (व्यवसाय एवं परिचालन) श्री सतीश चन्द्र गुप्ता द्वारा डॉं. वरूण कपूर को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया ।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉं. वरूण कपूर, अमनि द्वारा बताया गया कि कंप्यूटर, नेटवर्क या डिजिटल उपकरणों के उपयोग से सायबर अपराध को बुलिंग, फिशिंग के माध्यम से अंजाम दिया जाता हैं । सायबर अपराधियों की पहूंच किसी एक देश की सीमा तक सीमित नहीं है । यह एक गंभीर वैश्विक समस्या है। हमारी सुरक्षा कमजोरियों का लाभ उठाकर प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सायबर अपराधी, अपराध को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं । सायबर अपराध पूरे विश्व में लगातार बढ़ रहे हैं । इसके लिये सायबर सुरक्षा के उपायों को अपनाना होगा और सायबर हमलों के प्रति जागरूक रहना होगा । प्रौद्योगिकी विकास ने हमारे वित्तीय लेनदेन काफी आसान बना दिया है लेकिन सायबर अपराध के प्रति जानकारी, जागरूकता/सतर्कता की कमी के कारण ऑनलाईन धोखाधड़ी की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और दिन-प्रतिदिन इसमें बढ़ोत्तरी होती जा रही है । इसका मुख्य कारण जागरूकता एवं सतर्कता का अभाव है । वर्तमान में हमारी सुरक्षा का ध्यान हमें स्वयं रखना होगा । वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिये आवश्यक है कि बैंक द्वारा आपको (ग्राहकों) को दिये गये निर्देशों का पालन करना चाहिये । बैंक प्रतिनिधि बन कर फोनकॉल पर दी जाने वाली सुविधाओं को नंजर अंदाज करें । एसएमएस भेजकर उसे अनजान नम्बर पर फारवर्ड करने की सलाह से बचे । बैंक अथवा वित्तीय संस्थान द्वारा फोन पर न तो डेबिट/क्रेडिट कार्ड नम्बर, यूपीआई पिन नम्बर, ओटीपी, एटीएम पिन, बैक खाता विवरण की जानकारी और न ही केवायसी की मांग की जाती है । इसतरह के फोनकॉंल के प्रति सचेत रहे । अपनी गोपनीय जानकारी को साझा न करें। अनावश्यक ऐप डाउनलोड न करें । अपने मोबाईल बैंकिंग ऐप का मजबूत पासवर्ड बनाये और किसी से भी सांझा न करें चाहे वह परिचित ही क्यों न हो । यदि कोई विषम परिस्थिति उत्पन्न होती है तो अविलंब बैंक/वित्तीय संस्थान से संपर्क कर सूचित करें । बैंक द्वारा जारी ग्राहक सेवा नम्बरों का ही उपयोग करें । ऑनलाईन उपलब्ध ग्राहक सेवा नम्बरों पर भरोसा न करें क्योंकि वे फर्जी हो सकते हैं । सार्वजनिक स्थानों के वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग न करें । सुरक्षित जगह से ही अपना अकाउंट एक्सेस करें और कार्य हो जाने के बाद लॉग आउट करें । ऑनलाईन शॉपिंग के समय सावधान रहे । ऑनलाईन शॉपिंग एवं बुकिंग सायबर केफे से न करें। अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही फारवर्ड अथवा जवाब दें । समय समय पर पासवर्ड बदलते रहें । सायबर अपराधी सोशल मीडिया जैसे फैसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि पर आपके द्वारा दी गई जानकारी का उपयोग धोखाधड़ी करते हैं । सोशल साईट पर अपनी लोकेशन, भ्रमण की जानकारी एवं फोटो न डालें । सोशल मीडिया पर अनजान से संपर्क/मित्रता न करें । सोशल मीडिया में प्रसारित करने की जाने वाली किसी भी पोस्ट/जानकारी पर ऑंख मूंदकर विश्वास न करें । सत्यता की जॉंच के बाद ही किसी पोस्ट को लाईक, शेयर एवं फारवर्ड करें । यदि किसी अपरिचित व्यक्ति के द्वारा आपको अनावश्यक रूप से फोन, ई-मेल, सोशल मीडिया एवं चेट रूम के माध्यम से परेशान किया जाता है तो तुरन्त रिपोर्ट करनी चाहिये ।
कार्यशाला में सम्मिलित ग्राहकों ने अपनी जिज्ञासा प्रश्नों के माध्यम से रखी, जिनका समाधान डॉं. कपूर ने सहजता से किया । कार्यशाला के समापन पर स्टेट बैंक आफ इंडिया के उप महाप्रबंधक (व्यवसाय एवं परिचालन) श्री सतीश चन्द्र गुप्ता द्वारा डॉं. वरूण कपूर को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया तथा सहायक महाप्रबंधक श्री गोविंद सोलंकी द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
कार्यशाला के सफल संचालन में सहा. सेनानी श्रीमती नीति दण्डोतिया, निरीक्षक श्रीमती पूनम राठौर व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।
जानकारी एवं जागरूकता ही ऑनलाईन धोखाधड़ी से बचा सकती है-डॉं. वरूण कपूर

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