इंदौर । शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय, इंदौर में “स्वर्ण प्राशन निर्माण विधि” विषय पर एक दिवसीय प्रायोगिक कार्यशाला ।
विश्व आयुर्वेद परिषद चिकित्सा प्रकोष्ठ, जिला इंदौर के तत्वाधान में शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय, इंदौर में “स्वर्ण प्राशन निर्माण विधि” विषय पर एक दिवसीय प्रायोगिक कार्यशाला का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देवेंद्र शर्मा, महाविद्यालयीन विद्यार्थी प्रमुख इंदौर विभाग रहे। विशेष अतिथि डॉ एपीएस चौहान प्रधानाचार्य, शासकीय अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय इंदौर, डॉ.विमल अरोड़ा रस शास्त्र विभागाध्यक्ष, डॉ.धर्मेंद्र शर्मा कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष जिला अध्यक्ष विश्व आयुर्वेद परिषद इंदौर रहे।
मुख्य वक्ता डॉ.वैभव शर्मा ने विद्यार्थियों को स्वर्ण प्राशन निर्माण की पूर्ण विधि को सविस्तार समझाया एवं ब्राह्मी घृत निर्माण प्रत्यक्ष रूप से सिखाया। कार्यक्रम में अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय, शुभदीप आयुर्वेद महाविद्यालय एवं आर एन कपूर मेमोरियल आयुर्वेद महाविद्यालय के 124 छात्र छात्राएं एवं शिक्षकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
वर्तमान समय में आयुर्वेद के चिकित्सक, छात्र एवं छात्राएं इस ज्ञान को व्यवहारिक रूप से सीखें हैं, तो वे इस पद्धति को अधिक प्रभावी ढंग से प्रयोग कर रोगियों की उत्तम चिकित्सा कर सकेंगे। इसी उद्देश्य से यह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम में डाबर आयुर्वेद कंपनी का भी सहयोग रहा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ.अनुराग भट्ट, जिला संयोजक विश्व आयुर्वेद परिषद चिकित्सा प्रकोष्ठ इंदौर ने किया, अतिथि परिचय एवं स्वागत डॉ.तेजस पोरवाल, प्रदेश सहसंयोजक विश्व आयुर्वेद परिषद चिकित्सा प्रकोष्ठ ने किया, एवं आभार डॉ.धर्मेंद्र शर्मा, जिला अध्यक्ष विश्व आयुर्वेद परिषद ने माना ।