जंगल और वन्यप्राणियों को लेकर वनकर्मी कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तीन दिन तक ग्रामीण बंदर के आतंक से परेशान होते रहे, मगर डिप्टी रेंजर ने उनसे संपर्क करना तक जरूरी नहीं समझा। मजबूरी में ग्रामीणों को सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर मदद मांगनी पड़ी। शिकायत होने के बाद वनमंडल के वरिष्ठ अधिकारी सक्रिय हुए और इंदौर से बंदर को रेस्क्यू करने के लिए टीम भेजी। बावजूद इसके डिप्टी रेंजर पूरी कार्रवाई में गायब रहे। अब डीएफओ ने डिप्टी रेंजर को निलंबित कर दिया है। अब वे अपनी सफाई देने के लिए रोज वीडियो बना रहे हैं। यहां तक कि उसमें अधिकारियों को भी भला- बुरा बोलते दिख रहे हैं।
वन्यप्राणी के रेस्क्यू में लापरवाही बरतने वाले डिप्टी रेंजर को निलंबित कर दिया है। उसके खिलाफ और भी शिकायतें थीं। मानपुर के अवलाई वनक्षेत्र में एक लाख बीस हजार पौधे लगाए थे। उनकी देखभाल में भी लापरवाही बरत रहा था।
- महेंद्र सिंह सोलंकी, डीएफओ, इंदौर वनमंडल।/ विगत तीन दिसंबर को मानपुर रेंज में आने वाले कदमपुर गांव में बंदर घुस आया। उसने दो दिनों में तीन बच्चों पर हमला कर दिया, जिसमें एक छोटे बच्चे के गर्दन पर बंदर ने काट लिया। उसका अस्पताल में इलाज करवाया गया। ग्रामीणों ने डिप्टी रेंजर ओंकारलाल मेवाड़ी को संपर्क किया, लेकिन एक बार भी फोन नहीं उठाया। फिर रेंजर पीएस ठाकुर तक मामला पहुंचा। वनकर्मियों ने गांव में एक पिंजरा भी लगा दिया, लेकिन बंदर कैद नहीं हुआ।