रिपोर्ट नलिन दीक्षित
कोई भी पेशेंट के लिए कुछ भी रेट होता है। 10 साल से पेशेंट पहुंच रहे हैं। 10 से 30 हजार रुपए महीना लगते हैं।
आने-जाने का भाड़ा पहले लेते हैं और फिर दो दिन हो या एक महीना पैसा पूरा लगेगा हमारी मर्जी होगी तो छोड़ेंगे नहीं तो डबल पैसा देना होगा आप कहते हैं कि लड़के की बहन को पहुंचाओ तब जाकर हम उसे छोड़ेंगे जबकि लड़के की बहन से कोई मतलब नहीं भाई के हस्ताक्षर से राहुल को नशा मुक्ति केंद्र के लोग ले गए अब छोड़ने में रहते हैं उसकी बहन को बुलाओ ऐसी गंदी और ऊंची मानसिकता रखने वाले नशा मुक्ति केंद्र के लोग कहते हैं जिससे बोल दो हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता प्रशासन से बोल दो प्रशासन हमारा कुछ नहीं कर सकता पूरा प्रशासन को हम पेंडल कर लेते हैं हमारी मर्जी से कम होता है परिजनों ने बताया कि वहां बहुत मारते हैं काम करवाते हैं।
कोई गोली दवाई नहीं दे रहे हैं 10 साल से जाने के बाद भी उसकी शराब नहीं छुट्टी है कई बार रहकर कई महीनो तक रहकर आया है वह केवल पैसे कमाने के लिए ऐसा केंद्र चला रहे हैं।