रिपोर्ट नलिन दीक्षित
अभी यहां रोज जाम की स्थिति बनती है। कभी-कभी बसों और ट्रक की लंबी कतार लग जाती है। समस्या को देखते हुए एनएचएआई ने इस तिराहे पर फ्लायओवर बनाने का प्रस्ताव अपनी ओर से एनएचएआई हेड ऑफिस में भेजा है।
इस जंक्शन से हर दिन 70 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं। इससे फोरलेन सड़क पर ट्रैफिक दबाव रहता है।
इसके अलावा भी यहां कई समस्याएं हैं, जिन्हें जिला सड़क सुरक्षा समिति के सामने उठाया गया है।
फ्लायओवर बनाने का खर्च 60 करोड़ रुपए के लगभग अनुमानित है।
इस तिराहे के पास से रहवासी क्षेत्र का रास्ता भी है, जहां दो हजार लोग रहते हैं।
यहां मेडीकैप्स स्कूल और कॉलेज के अलावा एक डेंटल कॉलेज, बड़ा होटल, झूमर घाट पहाड़ी पर कैफे-रेस्टोरेंट भी हैं।
बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थाएं होने से यहां बसों की आवाजाही ज्यादा रहती है। रोज 250 से 300 दोपहिया वाहन सड़क किनारे हाईवे के कंट्रोल एरिया में खड़े रहते हैं।
वहीं सड़क किनारे ही पान-सिगरेट की दुकानें भी हैं, जिसकी वजह से गाड़ियां सड़क पर ही खड़ी रहती हैं।
एनएचएआई ने जिला प्रशासन से इन्हें हटवाने की भी मांग की है। इसके अलावा चौराहे के सामने की तरफ बने रेस्टोरेंट और ढाबों पर भी गाड़ियां बड़ी संख्या में रुकती हैं।