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Mahakumbh: संगम में डुबकी के लिए 30KM का सफर, यात्रियों का हो रहा है बुरा हाल

Shruti Jain
Last updated: 2025/01/30 at 4:33 अपराह्न
Shruti Jain - सम्पादक
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11 Min Read
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रिपोर्ट: श्रुति जैन

प्रयागराज – महाकुंभ (Mahakumbh)में 29 जनवरी का दिन सबसे बड़ा है। मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए रिकॉर्ड तोड़ भीड़ प्रयागराज पहुंची है। ऐसे में भीड़ को मैनेज करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। प्रशासन ने एक दिन पहले हाई लेवल मीटिंग की और अपनी तैयारियों को और पुख्ता किया।वाहनों को शहर के बाहर रोक दिया गया है। इसकी वजह से श्रद्धालुओं को स्नान करने और फिर लौटने में 30 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा।

मौनी अमावस्या की तैयारियाँ

मौनी अमावस्या पर स्नान करने के लिए महाकुंभ (Mahakumbh) में लोग पहले दिन से ही पहुंच रहे हैं। हालत यह हो गई कि प्रशासन को दो दिन पहले ही 10 से ज्यादा पीपा पुल बंद करना पड़ा। ताकि भीड़ जिधर से आए उधर ही स्नान करके उसे वापस भेजा जा सके। प्रशासन ने क्षेत्र के अनुसार ही घाट बांट दिए हैं। जैसे बिहार, ओडिशा, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर के राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को झूंसी साइड ही रोककर ऐरावत घाट पर स्नान करवाने की प्लानिंग है।वहीं एमपी, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, समेत दक्षिण भारत के राज्यों से आने वाले लोगों के लिए अरैल की तरफ ही घाट बनाए गए हैं। कोशिश यह है कि कम से कम लोग संगम की तरफ आएं।

नागा संतों के साथ श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे स्नान

मौनी अमावस्या की खास बात यह है कि इस दिन पर दूसरा अमृत स्नान होता है। इस दिन सभी नागा साधु-संत अमृत स्नान के लिए जाएंगे। इस बार प्रशासन ने बल्लियां बढ़ाई और लोहे की जाली लगाकर संगम के बड़े हिस्से को रिजर्व कर दिया है।वहीं बता दें कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान हुआ। आज के लिए संगम के बड़े हिस्से को अखाड़ों के लिए रिजर्व कर दिया गया है। बगल बल्लियां लगाकर जाली लगा दी गई, लेकिन जब नागा स्नान करने आए तो भीड़ ने उन्हें देखने के लिए बल्लियों और जालियों को फाड़ दिया। हालात ये हो गए कि जहां अखाड़ों के नागा साधु स्नान कर रहे थे, वहीं आम पब्लिक भी उनके साथ स्नान कर रही थी। बाद में साधुओं ने इस पर नाराजगी जताई भी थी।

Mahakumbh में बनाए गए कितने घाट?

हर घंटे सिर्फ संगम घाट पर 11 लाख लोग करेंगे स्नान मेला क्षेत्र में 12 किलोमीटर के एरिया में कुल 44 घाट बनाए गए हैं। इन घाटों पर पहुंचने के लिए 14 प्रमुख मार्ग समेत कुल 32 मार्ग हैं। सभी पर इस वक्त बैरिकेडिंग की गई है, लोगों को पैदल ही जाने की अनुमति है। संगम पर हर घंटे 11 लाख लोग स्नान कर सकेंगे।105 पार्किंग स्थल बनाए गए, बाहर वाले सभी फुल प्रयागराज में एंट्री के लिए कुल 7 रास्ते हैं। बस और निजी वाहन से आने वाले लोग इन्हीं रास्तों से जिले में आ रहे। कुंभ क्षेत्र से करीब 15 किलोमीटर पहले ही गाड़ियों को रोक दिया जा रहा। यहां जो पार्किंग बनाए गए हैं ज्यादातर फुल हो गए हैं।

कैसी होगी ट्राफिक व्यवस्था?

लखनऊ-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले लोगों को बेला कछार में रोका जा रहा। यहां एक साथ करीब 2 लाख गाड़ियों की पार्किंग हो सकती है।प्रशासन की जो 105 पार्किंग हैं, उसमें साढ़े सात लाख गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं। हालांकि जो मेला क्षेत्र में बनाई गई हैं, वह खाली हैं, क्योंकि यहां तक लोगों को पहुंचने ही नहीं दिया जा रहा।108 स्पेशल ट्रेनें और एक हजार बसें रेलवे मौनी अमावस्या के लिए 180 स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। परिवहन विभाग 1000 अलग से बस चला रहा है।

शहर में महाकुंभ (Mahakumbh) जाने के लिए करीब 500 शटल बस चलाई जा रहीं हैं। लेकिन भीड़ इतनी अधिक है कि वह भी अपने तय स्थान पर पहुंचने से पहले ही लोगों को उतारकर वापस जा रही हैं। कई जगहों पर तो नोंकझोक की स्थिति बन जा रही है।एक नाराज श्रद्धालु ने कहा- एक नेता के आने पर आप लोग सभी ब्रिज बंद कर दे रहे हैं। आप सब लोग नेताओं को सर्विस दे रहे हैं। हम लोग कहां जाएंगे। यहां पर सर्विस बहुत खराब है। मेरा एक छोटा बच्चा और फैमिली है। पुलिस वाले नेताओं की सर्विस में लगे हैं।मेले में आ रहे श्रद्धालु ने बताया कि महाकुंभ में आज खतरनाक भीड़ है। इस भीड़ में हमारी गाड़ी फंसी हुई है। हमारे पीछे भी काफी गाड़ियों की लाइन लगी हुई है। काफी देर से हम लोग एक ही जगह पर खड़े हैं।

खुले आसमान के नीचे श्रद्धालुओं ने बिताई रात

प्रयागराज में कुल 10 लाख लोगों के रहने की व्यवस्था है। इसमें 100 रैन बसेरा है। सबकी कैपेसिटी अलग-अलग है। यहां करीब 25 हजार लोग रह सकते हैं। इसके अलावा स्टेशनों पर 5 लाख से ज्यादा लोग रह सकते हैं। शहर में 42 लग्जरी सहित करीब 100 होटल और इतने ही धर्मशाला हैं। जहां करीब 1 लाख लोग रह सकते हैं। मेले में डोम सिटी और टेंट सिटी बसाई गई है, लेकिन वह बहुत महंगी है और मौनी अमावस्या पर पहले से ही सभी पूरी तरह से बुक हैं।अब जो लोग आ रहे हैं, उन्हें रैन बसेरा और होटल से निराशा मिल रही है। इसलिए बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने पिछली रात सड़क के किनारे बिताई। रात में हम संगम पहुंचे। वहां हजारों की संख्या में लोग गंगा के किनारे पुआल पर सो रहे थे। उनके पास बिस्तर नहीं था, इसलिए उन्होंने ठंड से बचने के लिए पन्नी ही ओढ़ रखी थी। इसमें बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो दो दिन से इसी तरह से रात गुजार रहे हैं।

शौचालयों की स्थिति भी है खराब

डेढ़ लाख शौचालय, आधे की स्थिति खराब शहर और मेला क्षेत्र में कुल डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए हैं। पिछले 20 दिन से यह लगातार प्रयोग में आ रहे हैं, कई शौचालयों की स्थिति खराब हो गई है। कुछ की कुंडिया खराब हैं तो कुछ में टोटी ही नहीं बची। बहुत सारे ब्लॉक हो गए हैं, क्योंकि उनमें पानी की व्यवस्था ही नहीं है। लोग बाहर से पानी लेकर अंदर जा रहे हैं।इन सबको साफ करने के लिए करीब 5 हजार कर्मचारी लगाए गए हैं, लेकिन भीड़ इतनी है कि व्यवस्था ठप सी हो गई है। संगम के आसपास शौचालयों की स्थिति खराब हो गई है, आसपास इसकी वजह से बदबू आ रही है।

प्रशासन के सामने ये हैं तीन चुनौती

1- क्राउड मैनेजमेंटः लेटे हनुमान मंदिर और अक्षय वट मंदिर बंद प्रशासन का पूरा फोकस जल्दी से स्नान करवाने के बाद लोगों को वापस भेजने में है। इसलिए हनुमान मंदिर और अक्षय वट मंदिर को बंद कर दिया गया है।श्रद्धालुओं को जिन रास्तों से महाकुंभ मेले(Mahakumbh)से बाहर निकाला जा रहा है, वह सीधे स्टेशन व बस स्टैंड से कनेक्ट हैं। अगर कोई व्यक्ति दोबारा मेले में आना चाहता है तो उसे करीब 5 किलोमीटर घूमकर पहुंचना होगा।स्टेशन पर रूट के हिसाब से लोगों को बैठाने की व्यवस्था की गई है। प्लेटफॉर्म पर उन्हीं लोगों को जाने दिया जा रहा, जिनकी ट्रेन आ रही होगी। बाकी लोगों को आश्रय स्थल पर रोका जा रहा। उसके भर जाने की स्थिति में लोगों को स्टेशन के बाहर ही खड़ा कर दिया जा रहा है।

2- प्रयागराज समेत बॉर्डर पर लगने वाले 10 जिलों के SP-DM तैनात महाकुंभ (Mahakumbh)मेला क्षेत्र में जो स्थिति है, इसी तरह से प्रयागराज बॉर्डर वाले जिलों की भी स्थिति है। पहली बार है जब 10 जिलों के डीएम और एसपी को भीड़ नियंत्रित करने के लिए लगाया गया है। प्रयागराज के बॉर्डर पर प्रतापगढ़, जौनपुर, वाराणसी, संत रविदास नगर, बांदा, फतेहपुर, मिर्जापुर, चित्रकूट और मध्य प्रदेश का रीवा जिला लगता है। ये सभी अधिकारी कुंभ में स्नान करने आ रही भीड़ को अपने जिले के बॉर्डर पर मैनेज करने में लगे हैं।

3- सुरक्षाः 60 हजार पुलिसकर्मी तैनात करीब 60 हजार सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। खुफिया विभाग के करीब 500 लोग अलग-अलग जगहों पर निगरानी कर रहे हैं।महाकुंभ कंट्रोल रूम(Mahakumbh control room)से एआई कैमरों के जरिए संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। किसी की भी एक्टिविटी अजीब लगती है तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया जाता है। कई स्थानों पर श्रद्धालु पुलिसकर्मियों से बहस भी कर रहे हैं।

4-मौसम: ठंड को देखते हुए 2 हजार डॉक्टर-मेडिकल स्टाफ तैनात मौसम, प्रशासन और श्रद्धालुओं के लिए बड़ी चुनौती है। रात में पारा 10 डिग्री तक था, नदी के चलते ठिठुरन थी। दोपहर में यही तापमान 25 डिग्री तक पहुंच जाता है। उस वक्त इतनी धूप और उमस में आम आदमी की स्थिति खराब हो जाती है। इसलिए मेले में तैनात डॉक्टरों को हर स्थिति में अपडेट रहने को कहा गया है। डॉक्टर और स्टाफ की कुल संख्या 2 हजार से ज्यादा है।

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Shruti Jain जनवरी 30, 2025 जनवरी 29, 2025
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