इंदौर ।
उच्च न्यायालय की विधि- विधिक प्राधिकरण द्वारा कुलदीप सिंह पवार को मध्यस्थता का सदस्य बनाया जिसके अंतर्गत पारिवारिक मामले एवं छोटे-मोटे विवादों का निराकरण आपसी समझौते से कर सकेंगे आपको मुख्य न्यायाधीश श्री विवेक रूसिया जी एवं मोहम्मद शमीम साहब ने सर्टिफिकेट प्रदान किया ।
प्रमाण पत्र की प्रति,,,

म.प्र. उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में एक दिवसीय सामुदायिक मध्यस्थता संवाद कार्यक्रम सम्पन्न
मीडिएशन मॉनीटरिंग सब कमेटी एवं म०प्र० उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के प्रशासनिक न्यायाधिपति एवं अध्यक्ष श्री विवेक रूसिया के निर्देशन में म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के कान्फ्रेंस हॉल में विगत दिवस एक दिवसीय सामुदायिक मध्यस्थता संवाद कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
न्यायाधिपति श्री विवेक रूसिया द्वारा कार्यक्रम में पधारे विभिन्न जिले के सचिवों, जिला विधिक सहायता अधिकारियों एवं सामुदायिक मध्यस्थों का स्वागत करते हुए कहा कि आप लोगों को देखकर मैं भूल जाता हूँ कि मैं इस समिति का अध्यक्ष या न्यायाधीश हूँ। मैं अपने को आपके बीच का पाता हूं एवं अपने आपको मध्यस्थ समझता हूं। उनके द्वारा व्यक्त किया गया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक-दूसरों के साथ अपना अनुभव एवं सुझाव साझा करना है। सामुदायिक मध्यस्थता का कार्य इन्दौर में बहुत हद तक सफल हुआ है एवं इसे उच्च न्यायालय इन्दौर के क्षेत्राधिकार में आने वाले अन्य जिलों में शुरू करने के पश्चात उच्च न्यायालय जबलपुर एवं ग्वालियर के क्षेत्राधिकार में आने वाले जिलों में प्रारंभ करना है। सामुदायिक मध्यस्थता की चर्चा पूरे देश में हो रही है। इन्दौर के कार्य को यथा स्थिति में मुख्य न्यायाधिपति श्री सुजय पाल द्वारा तेलंगाना के विभिन्न जिलों में भी शुरू किया गया है। सामुदायिक मध्यस्थता के 24 केन्द्रों के माध्यम से लगभग 5000 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।
पोटेंशियल ट्रेनर डॉ. मो. शमीम द्वारा व्यक्त किया गया कि मध्यस्थता का मूल उद्देश्य पक्षकारों की अपनी इच्छा पर निर्भर करता है। मध्यस्थता के दौरान किसी भी धनराशि की मांग नहीं किया जाना चाहिए। माननीय न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में मध्यस्थता करने से बचना चाहिए।
मध्यस्थता विषय पर चलचित्र के माध्यम से गोपनीयता के संबंध में समझाया गया। विभिन्न समाज के प्रतिभागियों एवं विभिन्न जिलों से पधारे सचिव एवं जिला विधिक सहायता अधिकारीगण द्वारा अपने-अपने सुझाव एवं विचार रखे गए।
उक्त कार्यक्रम में प्रिंसिपल रजिस्ट्रार/सचिव उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति खण्डपीठ इंदौर श्री अनूप कुमार त्रिपाठी, ओ.एस.डी. रजिस्ट्रार श्री नीरज मालवीय, माननीय उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आने वाले जिले- अलीराजपुर, बड़वानी, देवास, धार, इन्दौर, झाबुआ, नीमच, रतलाम, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन, मण्डलेश्वर के सचिव एवं जिला विधिक सहायता अधिकारीगण साथ ही 22 समुदाय के प्रबुद्धजन, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति एवं म०प्र० उच्च न्यायालय के कर्मचारीगण एवं अधिकारीगण सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के अन्त में सिंधी, मुस्लिम, ईसाई, अग्रवाल, बैरवा, खटिक, क्षत्रिय, जैन समुदाय के प्रबुद्धजनों को 20 घण्टे का सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये।
