रिपोर्ट नलिन दीक्षित
ऐसी योजनाएं अगर मोदी हिंदुओं
के लिए ले आए तो सुप्रीम कोर्ट तांडव कर देगा ।
कर्नाटक में सही मायनों में कांग्रेस की नहीं, लगता है पाकिस्तान की सरकार चल रही है। जो केवल मुसलमानों के हित में योजनाएं चला रही है – कर्नाटक की योजनाएं देखिए
सरकारी ठेकों में मुस्लिमों के लिए 4% कोटाकल ही दिया है।
150 करोड़ रुपए वक़्फ़ की सुरक्षा और रख रखाव के लिए
1000 करोड़ रुपए अल्पसंखयक विकास के लिए जो मुस्लिम ही होते हैं
इमामों की सैलरी बढ़ा कर 6000 रुपए कर दी गई;
केवल अल्पसंख्यक लड़कियों के लिए आत्म रक्षा (Self Defence) की ट्रेनिंग
100 करोड़ रुपए उर्दू स्कूलों के लिए
50% फीस की छूट केवल अल्पसंख्यकों के लिए;
हर तालुका में 50 लाख रुपए का हॉल बनाने के लिए (कर्नाटक में 236 तालुका हैं जिसका मतलब 118 करोड़ रुपए के हॉल बनाए जाएंगे।
ये सब योजनाएं केवल मुसलमानों के लिए हैं और ऐसी ही योजनाएं कांग्रेस ने तेलंगाना में भी मुस्लिमों के लिए शुरू करने का वादा किया था चुनाव से पहले
क्या कोई भी सरकार केवल एक कौम के लिए किसी भी योजना के लिए सरकार का धन खर्च कर सकती है।
फिर सेकुलरिज्म की परिभाषा क्या है जिसमें सभी धर्मों को बराबर कहा जाता है।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने रमजान के महीने में मुस्लिमों को एक घंटा पहले दफ्तर से छुट्टी करने की घोषणा कर दी थी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा लेकिन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने सुनवाई करने से मना करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता संबंधित हाई कोर्ट जाएं जब तक हाई कोर्ट सुनवाई करेगा, तब तक मुस्लिम मौज लेंगे और रमजान ख़त्म हो जायेगा – मीलॉर्ड का यह है मुस्लिम प्रेम क्योंकि जब दो राज्यों का एक जैसा मामला हो तो सुनवाई सुप्रीम कोर्ट को ही करनी चाहिए अगर एक ही राज्य का विषय होता, तब तो हाई कोर्ट जाने के लिए कहना उचित होता लेकिन यह एक राज्य का मामला नहीं था।
आपको याद होगा कर्नाटक के कुछ इलाकों को हाई कोर्ट के एक जज ने “पाकिस्तान” कह दिया था जिस पर चंद्रचूड़ को दस्त लग गए थे और उसने कहा था किसी भी क्षेत्र को पाकिस्तान नहीं कहा जा सकता।
अब सोचिए यदि मोदी केंद्र में या भाजपा की कोई सरकार किसी राज्य में केवल हिंदुओं के लिए कोई योजना ले आए तो क्या होगा। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश स्वत संज्ञान लेकर कुर्सी पर खड़े होकर तांडव कर देंगे कांग्रेस ऐसा पाप कर रही है। लेकिन मोदी किसी भेदभाव के बिना सभी योजनाओं का लाभ हर किसी को दे रहा है।
चाहे वह हिंदू है या मुसलमान – फिर भी मुस्लिम सब मलाई चाट कर भी उसे वोट नहीं देते
कांग्रेस ने कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश को कंगाल कर दिया है लेकिन मुस्लिमों के लिए दरियादिली में कोई कमी नहीं है – हिमाचल प्रदेश की सुखु सरकार तो राज्य की योजनाएं चलाने के लिए अब मंदिरों से जबरन वसूली कर रही है और फिर भी कहते हैं मंदिरों के क्या फायदा है।
उधर तमिलनाडु की स्टालिन सरकार मंदिरों को लूट रही है लेकिन फिर भी “सनातन धर्म” को समाप्त करने के लिए आमादा रहती है।
हिंदुओं को हर हाल में एकजुट होना होगा। कर्नाटक में यदि 5% वोट हिंदू का और एकजुट पड़ जाता तो आज यह दिन न देखना पड़ता।