इस महिला ने अपना पूरा जीवन फिलिस्तीन के मुसलमानों को दे दिया. यह गाजा में दो बड़े निशुल्क हॉस्पिटल चलती थी. 200 एंबुलेंस का एक फ्लीट मुफ्त में गाजा वालों के लिए ऑपरेट करती थी. इसे पूरी दुनिया से सैकड़ो शांति पुरस्कार मिले. दो बार यह महिला नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुई और यह हमेशा इजराइल सरकार की सबसे बड़ी विरोधी थी. . यहूदी होते हुए भी हर एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसने इजराइल की सरकार और सेना को दरिंदा कहा, अत्याचार करने वाला कहा. . यह पूरी दुनिया से डोनेशन लाकर फिलिस्तीन वालों पर गाजा वालों पर खर्च करती थी. . अब पता यह चला कि हमास वाले इसे भी उठा ले गए और बोले तुम डरो मत हम बड़े ईमान वाले हैं. और आज सुबह खबर आई कि हमास वालों ने इसके शरीर के आठ टुकड़े करके एक सुरंग में फेंक दिये, जिसे इजरायल की सेना ने बरामद किया. . अब इजराइल वाले भी इसका हाल देखकर सोच रहे होंगे की सपोलों को दूध पिलाने की कीमत क्या होती है. . तीन दिन पहले इसका बेटा बीबीसी पर रो रहा था कि मैं अपनी मम्मी के बारे में किसी खबर मिलने का इंतजार कर रहा हूं वह चाहे अच्छी खबर हो या बुरी खबर हो. . और जब उसे बुरी खबर मिली तब रोते हुए कह रहा है कि मेरी मम्मी ने गांधी दर्शन की किताब पढ़ी थी तब से वह अपने रास्ते से भटक गई और अंत में उनका यह हाल हुआ.