“Black Ribbon Initiative” ’’संकल्प’’ अभियान के तहत 682वीं कार्यशाला संपन्न
“Black Ribbon Initiative” ’’संकल्प’’ अभियान के तहत डॉं. वरूण कपूर, विशेष पुलिस महानिदेशक द्वारा दिनांक 20.06.2024 को श्री अरविन्दो युनिवर्सिटी, इन्दौर में “सायबर अपराध एवं सायबर सुरक्षा’’ विषय पर 682वीं कार्यशाला आयोजित की गई । इस कार्यशाला में युनिवर्सिटी के 560 छात्र-छात्राओं एवं 40 व्याख्याताओं ने भाग लिया गया तथा डॉं. महक भण्डारी-प्रो चांसलर, डॉं. जयश्री तापड़िया-डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डॉ. आनन्द मिश्रा-रजिस्ट्रार, डॉं. कंटेश्वरी-प्रिन्सिपल डेंटल कॉलेज, श्री यश विजयवर्गीय-प्रशासक एवं श्री नीरज सेन-प्रशासक मुख्य रूप से उपस्थित रहे । कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉं. जयश्री तापड़िया द्वारा द्वारा डॉं. वरूण कपूर को शॉल-श्रीफल एवं प्लांट भेंट कर स्वागत किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुये डॉं. कपूर द्वारा सायबर स्टॉकिंग एवं ग्रुमिंग के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि ये सायबर अपराध किसी के साथ, कहीं भी और किसी भी समय हो सकता है । सायबर स्टॉकिंग का शिकार महिलायें होती है और ग्रुमिंग का शिकार हर आयुवर्ग का । चाहे वह महिला हो या पुरूष । पहले बच्चें ग्रुमिंग का शिकार हुये, फिर महिलायें और अब बुजुर्ग भी इसका शिकार हो रहे हैं । दलवीर नामक व्यक्ति जिनकी उम्र 69 वर्ष के लगभग थी और वे फ्लाईंग क्लब में ट्रेनर थे को व्हाट्सअप पर अश्लील वीडियो बता ब्लैकमेल किया गया जिससे आहत होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली । अश्लील वीडियो कॉल कर ब्लेकमेल करने घटनायें बढ़ती जा रही है । इसलिये सायबर स्पेश का उपयोग सावधानी और जिम्मेदारी के साथ करें । अंजान फोन/वीडियो कॉल, ईमेल/लिंक, एसएमएस को स्वीकार/ओपन न करें । अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही फारवर्ड अथवा जवाब दें । अपनी व्यक्तिगत जानकारियों को शेयर न करें । सोशल मीडिया का उपयोग करने हेतु खुद पैमाना निर्धारित करें । अनजान से संपर्क नहीं करना चाहिये । यदि वह जाना पहचाना भी हो तो उसकी पड़ताल करें । व्हाट्सअप पर प्रसारित होने वाली जानकारियों को सोच-समझकर एवं पड़ताल के बाद फारवर्ड करें क्योंकि उसमें अधिकांश जानकारी झूठी होती है । असुरक्षित सायबर स्पेश के उपयोग से हम गलती से गलती कर अपराधी बन सकते हैं और किसी खतरे में भी पड़ सकते हैं । किसी को भी डेबिट/क्रेडिट कार्ड नम्बर, यूपीआई पिन नम्बर, ओटीपी, एटीएम पिन, बैक खाता विवरण की जानकारी न देवें । मोबाईल बैंकिंग ऐप का मजबूत पासवर्ड बनाये, गोपनीय रखें । सुरक्षित जगह से ही अपना अकाउंट एक्सेस करें और काम के बाद लॉग आउट करें । ऑनलाईन शॉपिंग एवं बुकिंग हेतु सायबर केफे का उपयोग न करें । सार्वजनिक स्थानों के वाई-फाई नेटवर्क के उपयोग से बचे । सायबर अपराधी सोशल मीडिया जैसे फैसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि पर आपके द्वारा दी गई जानकारी का उपयोग धोखाधड़ी में करते हैं । सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें । यदि किसी के द्वारा डराया, धमकाया या ब्लैकमेल किया जा रहा है तो तत्काल अपने माता-पिता अथवा विश्वसनीय व्यक्ति बतावें और पुलिस को शिकायत दर्ज करावें । सायबर अपराध का शिकार होने से बचने का एकमात्र उपाय जानकारी एवं जागरूकता है ।
छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का समाधान डॉं. कपूर द्वारा सहजता से किया गया । कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली दो छात्राओं को क्रमशः शिवानी एवं विद्या को डॉं. कपूर ने प्रमाण-पत्र व गोल्डन बैज से सम्मानित किया । कार्यशाला के समापन पर डॉं. महक भण्डारी-प्रो. चांसलर अरविन्दो युनिवर्सिटी इंदौर द्वारा डॉं. वरूण कपूर को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। सेमिनार के सफल संचालन में निरीक्षक श्रीमती पूनम राठौर व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।