रिपोर्ट नलिन दीक्षित
गाजा में इजरायली हमले में 46 हजार से ज्यादा लोगों की मौत और भारी तबाही के बाद हमास के एक सीनियर नेता ने कबूल किया है कि 7 अक्टूबर का हमला बहुत बड़ी गलती थी।
हमास के विदेश मामलों के मुखिया मूसा अबू मारजूक ने कतर में कहा कि अग उन्हें पता होता कि इस हमले के क्या परिणाम होने वाले हैं तो वह कभी ऐसा नहीं करते।
उन्होंने कहा, मैंने कभी भी इस हमले का समर्थन नहीं किया था। इजरायल पर हमले का परिणाम यह हुआ कि गाजा की इमारतें तबाह हो गईं और हजारों मासूमों की जान चली गई।
74 साल के मारजूक ने कहा कि जो हुआ उसकी पूरी उम्मीद थी। ऐसा नहीं था कि किसी को परिणाम की जानकारी नहीं थी। यूएन का कहना है।
कि गाजा में 70 फीसदी इमारतें तबाह हो गई हं। इसके अलावा 20 लाख फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित होना पड़ा है।
इजरायल ने गाजा पट्टी से रिहा किए गए बंधकों के साथ अपमानजनक व्यवहार के बीच 22 फरवरी को पहले से निर्धारित फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली को स्थगित कर दिया। सूत्रों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के एक बयान का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि इजरायल का कहना है कि 600 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई को तब तक के लिए स्थगित किया जा रहा है।
जब तक कि “अगले बंधकों की रिहाई सुनिश्चित नहीं हो जाती है और गाजा पट्टी में इजरायली कैदियों को स्थानांतरित करते समय उनके साथ अपमानजनक व्यवहारों के बिना।’ हमास ने गाजा युद्धविराम के पहले चरण के तहत सातवें आदान-प्रदान में शनिवार को छह इजरायली बंधकों को रिहा किया।
हमास के कैदी मामलों के कार्यालय ने पहले कहा था कि इजरायल को बदले में 600 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना चाहिए लेकिन उन्हें अभी तक रिहा नहीं किया गया है। गौरतलब है कि 19 जनवरी से गाजा पट्टी में युद्ध विराम लागू है।
जो इजरायल और फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के बीच हुए समझौते का हिस्सा है। जिसके तहत फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा।
इस समझौते के मध्यस्थ कतर, मिस्र और अमेरिका हैं जिन्होंने काहिरा में एक समन्वय केंद्र स्थापित किया है।
यह संघर्ष में दूसरा युद्ध विराम है। पहला नवंबर 2023 में संपन्न हुआ था। और केवल छह दिनों तक चला था।