100 एकड़ में फैले इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय यानी विड़ियाघर में लगे हजारों पेड-पौधों और लंबे-चौड़े बगीचों में चारों ओर फैली हरियाली की बागवानी जू के पीछे आजादनगर गोल चौराहा के पास स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट में उपचारित होने वाले पानी से हो रही है।
जिसके लिए इंदौर जू के पीछे आजाद नगर थाने के पिछले हिस्से में बने 35 एमएलडी के बड़े सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से लंबी- चौड़ी लाइन डालकर यहां लगी आधुनिक मशीनों से ट्रीटेड होने वाले साफ पानी से चिड़ियाघर के तमाम बगीचों को सींचा जा रहा है। जिससे यहां की हरियाली हरी भरी नजर आ रही है। जू और आजाद नगर थाने में लगे फव्वारे भी चल रहे ट्रीटेड वाटर से इधर इंदौर जू के
अलावा आजाद नगर थाने के भीतर और गोल चौराहा पर लगे बड़े फव्वारें भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में आधुनिक मशीनों से साफ हो रहे उपचारित पानी से चल रहें है। जिसके लिए निगम द्वारा यहां से लाइन डाली गई है। यही नहीं इसके अलावा रेसीडेंसी कोठी के ज्यादातर बगीचों तक भी निगम द्वारा लाखों रुपए खर्चकर लंबी-चौड़ी लाइन डाली गई है। जिससे रेसीडेंसी कोठी और आसपास में स्थित बगीचों में लगे हजारों पेड़-पौधे और हरियाली की बागवानी भी निगम द्वारा आजाद नगर में 35 करोड़ रुपए खर्चकर
बनाए गए 35 एमएलडी के आधुनिक मशीनों से लेस ट्रीटेड वाटर प्लांट में उपचारित पानी से ही की जा रही है। जबकि पहले नर्मदा का या बोरिंग से डाली लाइन के पानी से होती थी। जिससे बोरिंग सूखने पर पेड़-पौधों और हरियाली को पानी देने में दिक्कत होती थी, हालाकि अब जबसे जू और रेसीडेंसी क्षेत्र में बड़ और अधिक क्षमता वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना है तब से यहां हरियाली की बागवानी करने और हरा-भरा रखने की चिंता पूरी तरह से खत्म हो गई है।