मुख्यमंत्री राजस्व मामले को नामांकन, बटांकन के प्रकरणों में तेजी लाने के निर्देश दे रहे हैं और आलम यह है कि इंदौर जिले में 10 हजार से अधिक सीमांकन के प्रकरण लंबित है और इसका कारण यह रहा कि पिछले चार माह से इंदौर में राजस्व के कोई काम नहीं हुए। । पहले अमला लाड़ली बहना जैसे आयोजनों लगा रहा और उसके बाद चुनाव, मतदान, मतगणना का दौर शुरू हो गया। अभी भी आलम यह है कि तहसीलदार, पटवारियों की खुमारी नहीं उतरी है और सीमांकन, नामांतरण, बटांकन के प्रकरण बढ़ते जा रहे हैं।
आलम यह है कि इंदौर जिला अन्य जिलों से नामांतरण के प्रकरणों में पिछड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच गया हैं। लंबे समय से चुनाव की प्रक्रिया में व्यस्त होने के कारण अधिकारी काम ही नहीं कर पा रहे थे। ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव के पूर्व से ही 7 हजार से अधिक प्रकरण लंबित पड़े थे जिनका आंकड़ा और बढ़ता जा रहा है। वहीं सायवर तहसील के माध्यम से नामंतरण के मामले निपटाए जाने में भी अधिकारियों की मनमानी चल रही थी। डॉक्टर मोहन यादव के आदेश के बाद इंदौर कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक ली और जल्द से जल्द कार्य योजना बनाकर ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों को निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर कार्य में पारदर्शिता रखी जाए राजस्व कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाए ऑनलाइन कामों को तेजी से निपटाया जाए वहीं शिविर लगाकर लंबित कार्यों की समीक्षा कर निराकरण किया जाए। कलेक्टर ने आवश्यक होने पर पुलिस बल का सहयोग लेकर नागरिकों की परेशानियां दूर करने के निर्देश भी दिए हैं।
ढेर सारे नामांतरण, बटवारा, सीमांकन के प्रकरण लंबित होने के चलते इंदौर में एक बार फिर कल से अभियान छिड़ने जा रहा है। शुक्रवार शनिवार और रविवार 3 दिन लगातार अमला सीमांकन करेगा। मशीन नहीं होने पर कलेक्टर ने जरीब से काम करने के निर्देश दिए हैं। राजस्व अमले को सक्रिय होने के निर्देश देते हुए उन्होंने माना कि अब भी नामांतरण में इंदौर तीसरे पायदान पर है, जिसके चलते अब लगातार तीन दिन तक अभियान छेड़ कर सीमांकन कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। सीमांकन के लिए मशीन उपलब्ध नहीं होने का बहाना भी नहीं चल सकेगा
कल से तीन दिनी सीमांकन अभियान छिड़ेगा
कलेक्टर ने कहा कि यदि मशीन कम पड़ती है तो पटवारी जरीब के माध्यम से काम करे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राइवेट कंपनियों से मशीन लेकर काम करने को कहा गया है। ज्ञात हो की साइबर तहसील व्यवस्था, संपदा पोर्टल का उपयोग, राजस्व विभाग में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल और राजस्व समस्याओं का ऑन द स्पॉट निराकरण किए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा ली गई। समीक्षा बैठक में दिए गए हैं उन्होंने ऐसे कर्मचारी जिनके द्वारा काम में लापरवाही बढ़ती जा रही है उन पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।