रिपोर्ट नलिन दीक्षित
न्यूरोलॉजिस्ट श्वेता अड़ातिया ने कहा है कि हनुमान चालीसा को ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ मान सकते हैं जिसे ठीक से जपा जाए तो रोग और डर दूर होते हैं।
उन्होंने कहा हनुमान चालीसा पढ़ने पर सांस अंदर-बाहर जाती है।जो
जो हार्ट रेट वैरिएबिलिटी को प्रभावित करती है। इस प्रक्रिया का असर लिम्बिक सिस्टम पर भी पड़ता है।जिससे एंग्ज़ाइटी कम होती है।