हमारे व्दारा आजादी के बाद भारतीय सेना में भर्ती होकर कई वर्षो तक देश और समाज की रक्षा की है। हमारे भूतपूर्व सैनिक परिवार के सदस्य सर्वश्री आदित्य मिश्रा, श्री मनोहर करडले, श्री मनोहर शिंदे, श्री छोटू थोरात, श्री रमेश किसनराव कपास, श्री अरूण दिघे एवं श्री मन्नुराम यादव ने आजादी के बाद भारतीय सेना में भर्ती होकर इनमें से कुछ ने 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1965 एवं 1971 तथा कुछने 1971 के भारत-पाक संघर्ष में अपना योगदान देते हुए संग्राम मैडल आदि प्राप्त किये गये हैं ।
एम.ओ.जी. लाईन्स जिसे बॉडीगार्ड रिसाला इंदौर, के बने बैरकों का निर्माण हमारे पूर्वजों द्वारा उनके वेतन से काटी गयी रकम एवं श्रम से कराया गया है एवं हम अपने पूर्वज भूतपूर्व सैनिकों के माध्यम से एम. ओ. जी. लाईन्स इंदौर में बने बैरकों में विगत 96 सालों से निवास कर रहे हैं। हमारे पूर्वज भूतपूर्व सैनिकों व्दारा देश की आजादी में किये गये अभूतपूर्व सहयोग को .. ध्यान में रखते हुए जिला सैनिक बोर्ड द्वारा तत्कालीन जिला कलेक्टर महोदय के माध्यम से हमारे पूर्वजों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा दिये जाने से संबंधित कार्यवाही भी प्रारंभ की गयी थी इस संबंध में एकपत्र हमारे परिवार की सबसे वयोवृद्ध सदस्य श्रीमती दुर्गाबाई ओढ़कर को जिला सैनिक अधिकारी महोदय द्वारा लिख गया था ।हमारे व्दारा देश और समाज के लिये किये गये योगदान को नजर अंदाज करते हुए स्मार्ट सिटी के नाम से हमें यहां बेदखल किये जाने की कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है।आज जिस जमीन पर स्मार्ट सिटी परियोजना का क्रियान्वयन हो रहा है उस जमीन की हमने रक्षा की है। हम देश के माननीय प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, मुख्यमंत्री एवं प्रशासन से यह निवेदन करना चाहते है कि हम स्मार्ट योजना के विरोधी नही है। हम केवल आपसे यह सहयोग चाहते हैं कि हमारे पूर्वजों एवं हमारे द्वारा देश की रक्षा एवं समाज के लिये किये गये हमारे सहयोग को ध्यान मे रखते हुए हमें एम.ओ.जी. लाईन्स इंदौर की भूमि में ही हमारा पुर्नवास किया जाये ।