पृथ्वी का पहला महाप्रलय, जिसे हम मास्स एक्सटिंक्शन कहते हैं, करीब 455 मिलियन वर्ष पहले हुआ था। इसे ओर्डोविशियन-सिलूरियन मास्स एक्सटिंक्शन के रूप में भी जाना जाता है और इसके पीछे कई कारण थे जो पृथ्वी के जीवों को प्रभावित करते रहे।
इस महाप्रलय के दौरान, बहुत से समुद्री जीवों की असमय मृत्यु हुई और जीवाश्माएं पत्थरों में बदल गईं। वैसे तो यह एक लम्बी अवधि का प्रक्रिया था, लेकिन इसमें कई सौ सालों तक चले जाने वाले जीवों की जीवन पद्धतियों में बड़ी परिवर्तन आए।
इस महाप्रलय की एक संभावित कारण थी ओक्सीजन की बड़ी मात्रा की उत्पत्ति, जिसे “ग्रेट ओक्सीजनेशन ब्यूर्स्ट” कहा जाता है। यहां तक कि जीवों के लिए ओक्सीजन अब तक पहुँचने वाली सीमा को पार कर गया था और इससे उनकी जीवन पद्धतियों पर अधिक प्रभाव हुआ।
अन्य एक कारण था विशेषकर समुद्री जीवों के लिए समस्याएं बनाने वाला जलवायु परिवर्तन, जो मौसम की बदलती शर्तों की वजह से हुआ। इससे समुद्रों के तापमान में वृद्धि हुई और यह जीवों को अपनी सामूहिक स्थिति से बाहर करने में मदद करता है।
इस प्रलय के परिणामस्वरूप, कई प्रकार के जीवों की सूची में कमी हुई, जिनमें शैलीकृत मोल्यस्कों, ब्राकिओपोड और ट्राइलोबाइट्स शामिल थे। समुद्री जीवों के प्रमुख समूहों में इसे एक बड़ा धक्का मिला और इससे पृथ्वी की बायोस्फियर में संतुलन में विवाद उत्पन्न हुआ।
यह महाप्रलय पृथ्वी के जीवों के विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था जिसने जीवन को नई दिशा में ले जाने का मार्ग खोला। इसके परिणामस्वरूप, नए प्रजातियों की उत्पत्ति हुई और यह एक नए जीवन के युग की शुरुआत की गई।