रिपोर्ट नलिन दीक्षित
जयपुर, राजस्थान – 29 दिसंबर, 2024: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ट जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU ), अमरकंटक, मध्य प्रदेश के अर्थशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. विनोद सेन को भारतीय आर्थिक संघ (IEA ) द्वारा प्रतिष्ठित “एक्सीलेंस इन इकोनॉमिक रिसर्च अवार्ड” से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उनके पिछले दो दशकों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है। यह सम्मान भारतीय आर्थिक संघ के 107वें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया, जो 27 से 29 दिसंबर, 2024 के बीच जयपुर स्थित एपेक्स विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ। इस सम्मेलन का मुख्य विषय था “भारतीय आर्थिक विकास की गतिशीलता: अतीत, वर्तमान और भविष्य के आख्यान।” इस समारोह में कई प्रतिष्ठित विद्वानों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें मुख्य अतिथि प्रो विनय कुमार पाठक, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU ), प्रो. ए.पी. पांडे (अध्यक्ष, भारतीय आर्थिक संघ), डॉ. ए. के. तोमर, मुख्य सम्मेलन समन्वयक (IEA), डॉ. डी. के. अष्ठाना, महासचिव, (IEA)और प्रो. रवि जुनीवाल (कुलाधिपति, एपेक्स विश्वविद्यालय, जयपुर) जैसे सम्मानित नाम शामिल थे। इसके अतिरिक्त, पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता श्री राम सिंह शेखावत तथा गुरु द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता श्री रमेश सिंह जैसी प्रख्यात हस्तियां भी समारोह में उपस्थित रहीं।
डॉ. सेन ने अनुसंधान पद्धति, श्रम अर्थशास्त्र और प्रवासन, तथा कृषि अर्थशास्त्र जैसे विषयों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके शैक्षणिक करियर की शुरुआत गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, गांधीनगर और दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री अरबिंदो कॉलेज और जाकिर हुसैन पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवा से हुई।
डॉ. सेन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में पीएचडी और डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संस्थान, महू से सामाजिक विज्ञान में एम.फिल किया है। उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की है।
डॉ. सेन ने अपने शैक्षणिक और शोध कार्यों के माध्यम से एक समृद्ध योगदान दिया है। उन्होंने अब तक 7 पुस्तकें लिखी हैं, 60 शोध पत्र प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित किए हैं और 18 पुस्तक अध्यायों के साथ 3 सम्मेलन लेखों का योगदान दिया है। एक शिक्षक और मार्गदर्शक के रूप में उन्होंने 5 पीएचडी, 19 एमफिल और 31 स्नातक/स्नातकोत्तर शोध प्रबंधों का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 150 से अधिक आमंत्रित व्याख्यान दिए हैं और 85 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में अपने शोध प्रस्तुत किए हैं।
इससे पहले, डॉ. सेन को मई 2022 में भारतीय आर्थिक संघ द्वारा स्वर्गीय तपन चौधरी युवा अर्थशास्त्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह दिसंबर 2022 से भारतीय आर्थिक संघ की कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में सक्रिय हैं और विभिन्न शैक्षणिक और व्यावसायिक संगठनों में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभा चुके हैं। यह सम्मान न केवल डॉ. सेन के शैक्षणिक योगदान की सराहना है, बल्कि यह अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उनके प्रयासों और समर्पण का एक उज्ज्वल उदाहरण है। यह पुरस्कार उनके जैसे विद्वानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और भारत के आर्थिक अनुसंधान क्षेत्र को एक नई दिशा प्रदान करता है।