जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो
आगे बढ़ाना है तो हिम्मत हारे मत बैठो
चलने वाला मंजिल पाता बैठा पीछे रहता है
ठहरा पानी सड़ने लगता है बहता निर्मल होता है
पांव मिले चलने की खातिर पांव पसारे मत बैठो
तेज दौड़ने वाला खरगोश कुछ पल चलकर हार गया
धीरे-धीरे चलकर कछुआ देखो बाजी मार गया
चलो कम से कदम मिलाकर दूर किनारे मत बैठो
धरती चलती तारे चालते चाँद रात भर चलता है
किरणों का उपहार बांटने सूरज रोज निकलता है
हवा चले तो महक विखरे तुम भी प्यारे मत बैठो
जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो
मन को हरा कर मत बैठो
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