Black Ribbon Initiative” ’सहयोग’ के अंतर्गत विशेष पुलिस महानिदेशक डॉं. वरूण कपूर द्वारा विद्यादान फाउण्टेशन के सहयोग से सायबर अपराध एवं सायबर सुरक्षा विषय पर 677वीं कार्यशाला दिनांक 08.06.2024 को जाल सभागृह, इंदौर में आयोजित की गई । इस कार्यशाला में एडव्होकेट्स, विनवे साफ्टवेयर कंपनी एवं इनसाईट इनफोटेक कंपनी के 200 कर्मचारीगणों ने भाग लिया । कार्यशाला में विद्यादान फाण्डेशन के प्रमुख राकेश सिंह भदौरिया, विनवे साफ्टवेयर कंपनी के प्रमुख श्री मनीष पांडे एवं इनसाईड इनफोटेक कंपनी के कपिल उपाध्याय ने मुख्य रूप उपस्थित रहे । कार्यशाला के प्रारंभ में विद्यादान फाउण्डेशन के प्रमुख श्री राकेश सिंह भदौरिया ने डॉ. कपूर को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया ।
सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागियां को संबोधित करते हुए डॉं. वरूण कपूर, विशेष पुलिस महानिदेशक द्वारा सायबर अपराध में हो रही बढ़ोत्तरी के कारणों, सुरक्षित रहने के उपायों एवं सावधानियों के संबंध में जानकारी दी गई । सायबर बुलिंग, ग्रुमिंग, फिशिंग, सायबर स्टाकिंग, बैंकिंग फ्राड से संबंधित सायबर अपराधों के बारे में बताते हुये सायबर स्पेस का उपयोग करते समय अच्छे डिजिटल फुटप्रिंट बनाने का आग्रह किया गया क्योंकि डिजिटल फुटप्रिंट कभी भी खत्म नहीं होते हैं । सायबर वर्ल्ड में कोई भी गतिविधि सोच समझकर करें, क्योंकि सायबर वर्ल्ड के किसी भी अपराध को डिजिटल फुटप्रिंट के माध्यम से आसानी से पकड़ा जा सकता है । इसलिये डिजिटल वर्ल्ड में कार्य करने के पहले सोचे, समझे व फिर कार्य करें और अच्छा फुटप्रिंट बनाए । सोशल मीडिया पर बिना सोचे-समझे किसी भी पोस्ट को लाईक, शेयर-फारवर्ड न करें और न ही अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करें । सायबर अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है । इसके दुष्प्रभाव के शिकार होने से सुरक्षित रहने का सबसे उचित तरीका सुरक्षा के उपायों को ध्यान में रखना है । डॉ. कपूर द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को जानकार ही नहीं जागरूक बनने की आवश्यकता पर बल दिया गया । सायबर अपराधियों द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी फिशिंग के माध्यम से की जाती है । फिशिंग एक ऑनलाईन अपराध है । यहॉं अपराधी आपकी निजी एवं संवेदनशील जानकारी चुराने के लिये लुभावने ईमेल, मैसेज, विज्ञापन या अन्य संसाधन का प्रयोग करता है । मैसेज के जरिये लिंक भेजकर आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार कार्ड नम्बर, पेनकार्ड नम्बर, डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड, बैंक विवरण एवं ओटीपी के बारे में जानकारी प्राप्त कर घटना को अंजाम दिया जाता है। वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिये डेबिट, क्रेडिट कार्ड एवं खाते की जानकारी किसी को न दें क्योंकि बैंक द्वारा कभी भी किसी ग्राहक से फोन, मैसेज, ईमेल/लिंक के जरिये जानकारी नहीं मांगी जाती हैं । ओटीपी, यूपीआई पिन या एटीएम पिन किसी के साथ शेयर न करें । केवायसी के लिये आने वाले एसएमएस पर ध्यान न दें और न ही एसएमएस में दिये गये नम्बर पर काल करें । अनजान लिंक को क्लिक न करें । अनजान एप्लिकेशन को डाउनलोड न करें । सार्वजनिक स्थल पर लगे वाई-फाई के उपयोग से बचें ।
डॉं. कपूर द्वारा सायबर अपराध के प्रति जागरूकता फैलाने का आह्वान किया गया । कार्यशाला में सम्मिलित व्यक्तियों द्वारा किये गये प्रश्नों समाधान डॉं. कपूर ने सहजता से किया । कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो कर्मचारियों को क्रमशः साक्षी एवं अनिवेश को डॉं. कपूर ने गोल्डन बैज प्रदान कर सम्मानित किया । कार्यशाला के समापन पर विद्यादान फाउण्डेशन के प्रमुख श्री राकेश सिंह भदौरिया एवं विनवे कंपनी के प्रमुख श्री मनीष पाण्डे द्वारा डॉं. वरूण कपूर को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया ।
कार्यशाला के सफल संचालन में सहा. सेनानी श्रीमती नीति दण्डोतिया, निरीक्षक श्रीमती पूनम राठौर, व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा|