ग्लोबल फोरम फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के प्रतिनिधिमंडल ने कौशल विकास, शिक्षा और उद्यमिता के राज्य मंत्री जयंत चौधरी जी से मुलाकात की (Skill Development, Education, and Entrepreneurship) एवं मध्य प्रदेश में किस प्रकार से इस पर कार्य किया जाए ताकि व्यापार उद्योग जगत के साथ ही विद्यार्थियों एवं छात्रों को इसका लाभ मिले रोजगार में वृद्धि हो एवं उत्पादकता में भी उत्तरोत्तर बढ़ोतरी हो इस विषय पर विस्तार से चर्चा की ।
अध्यक्ष दीपक भंडारी ने बताया कि ये तीनों घटक प्रदेश में, देश में एवं पूरे विश्व में आज के सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। इनका परस्पर संबंध और समन्वय किसी भी उद्योग और व्यापार के विकास के साथ ही विकसित समाज तथा राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
मध्य प्रदेश एवं विशेष रूप से इंदौर के परिपेक्ष में जहां पर की आईआईएम एवं आईआईटी जैसे विश्व स्तरीय संस्थाओं के होने के बावजूद एमएसएमई – स्टार्टअप तथा शिक्षण संस्थानों में सामंजस्य के अभाव के चलते एक कम्युनिकेशन गेप बना हुआ है , जिसे शासन, प्रशासन एवं जनता की भागीदारी से दूर किया जा सकता है ।
चर्चा के निम्न बिंदु रहे
1. कौशल विकास (Skill Development):
कौशल विकास के प्रभावी निष्पादन के द्वारा इंदौर एवं मध्य प्रदेश के व्यक्तियों को व्यावसायिक, तकनीकी और व्यवहारिक क्षमताओं से सुसज्जित करना है, ताकि वे आज की बदलती अर्थव्यवस्था में आत्मनिर्भर बन सकें एवं निम्न लक्ष्यों
को हासिल करना है जैसे
रोज़गार योग्यताओं को बढ़ावा देना।
तकनीकी और डिजिटल कौशल का प्रशिक्षण।सरकारी योजनाएं जैसे: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के निष्पादन में इंडस्ट्री और अकादमी को जोड़ना ।
2. शिक्षा (Education): हमारा उद्देश्य यह है कि शिक्षण संस्थानों में जो भी युवा सीख रहे हैं उन्हें किस प्रकार से रोजगार उन्मुख बनाया जाए
शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि ज्ञान, सोचने की क्षमता और जीवन कौशल विकसित करना है।
भारत को विश्व गुरु बनाने हेतु एवं उसकी प्रतिष्ठा को पुनः हासिल करने हेतु प्रारंभिक से उच्च शिक्षा तक गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा के विकास पर ध्यान देना होगा ।
इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत लचीलापन और कौशल आधारित शिक्षा पर ज़ोर एवं समय एवं परिस्थिति के अनुसार तथा आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाए तथा इसके साथ ही डिजिटल लर्निंग और ई-लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग करते हुए विश्वास स्तरीय वर्कफोर्स तैयार की जाए ।
3.उद्यमिता(Entrepreneurship): स्कूल में कॉलेज के बच्चों को नवाचार के माध्यम से स्वयं का व्यवसाय खड़ा करना सीखना होगा जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे ।
भंडारी ने उनसे निवेदन किया कि भारत के विभिन्न राज्यों के नवाचारों को आपस में जोड़ा जाए जिससे देश के भीतर एक बहुत ही स्वस्थ प्रतियोगिता शुरू होगी, जो कि भविष्य के तकनीकी उन्नयन का आधार बनेगी ।
स्टार्टअप संस्कृति का भी बहुत तेजी से एवं चौमुखी विकास होगा l
सरकारी योजनाओं को अवेयरनेस करने हेतु संस्था सदैव तत्पर रहेगी ताकि स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना का फायदा आमजन को मिल सके ।
जिससे कि जोखिम उठाने और नवाचार करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा l तत्पश्चात ही तीनों का संबंध वास्तविकता से परिलक्षित होगा ।
जैसे शिक्षा ज्ञान देती है ,
कौशल विकास उस ज्ञान को व्यावहारिक रूप में लागू करना सिखाता हैऔर उद्यमिता उस कौशल के बल पर कुछ नया रचने की प्रेरणा देती है।
यदि शासन प्रशासन एवं जन भागीदारी से इस क्षेत्र में कार्य किया जाए तो एक शिक्षित, कुशल और नवाचारशील युवा राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को गति प्राप्त होगी एवं जल्द ही भारत विश्व का सबसे अधिक शिक्षित एवं समृद्ध राष्ट्र बनेगा ।
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी जी ने उपरोक्त विचारों को सुना एवं अपने अधिकारियों को भी उपयुक्त निर्देश दिए एवं संस्था के पदाधिकारी से निवेदन किया किया आप एक पत्र के रूप में हमें यह संदेश प्रेषित करें ।