समर्पण और संघर्ष: चाणक्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समर्पित और संघर्षी प्रवृत्ति थी। उनका यह मानना था कि सफलता के लिए समर्पण और कठिनाइयों का सामना करना आवश्यक है।
सही समय पर सही निर्णय: चाणक्य का मानना था कि सफलता के लिए सही समय पर सही निर्णय लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने राजा चन्द्रगुप्त को मौके पर मौका पहचानने की कला सिखाई।
नीति और योजना बनाना: चाणक्य ने अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने सफलता के लिए सही नीति और योजना बनाने का महत्व बताया और उसे अमल में लाने की कला सिखाई।
विशेषज्ञता और कौशल: चाणक्य ने यह बताया कि एक व्यक्ति को उसकी विशेषज्ञता और कौशल के आधार पर महत्वपूर्ण कार्रवाई करनी चाहिए।
योगदान और सेवा: चाणक्य का मानना था कि समाज के प्रति योगदान करना और सेवा करना भी सफलता की एक कुंजी है। उन्होंने राजा के साथ अपनी सेवाएं देकर उन्हें शक्तिशाली बनाने में मदद की।
संगठन और प्रबंधन कौशल: चाणक्य ने संगठन और प्रबंधन कौशल को महत्वपूर्ण माना और यह सिखाया कि सफलता के लिए एक अच्छे संगठन का होना आवश्यक है।
इन नीतियों और सिद्धांतों का अनुसरण करके चाणक्य ने अपने समय में बहुत बड़े राजा को भी सफल बनाया और उनकी सांप्रदायिक व्यवस्था को स्थापित किया ।