देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की डाक्टोरल एट्रेंस टेस्ट (DET) हो चुका है अब खत्म विश्वविद्यालय और एमपी आनलाइन दोनों मिलकर माडल आंसरशीट तैयार करने को लेकर परीक्षण कर रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार दस नवंबर तक प्रत्येक विषय की एक साथ माडल आंसरशीट जारी होगी। साथ ही पीएचडी प्रवेश परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी तीन दिन में आपत्ति लगा सकेंगे। प्रत्येक आपत्ति के लिए विश्वविद्यालय शुल्क वसूलेगा।
उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर को 669 सीटों के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा करवाई गई। लगभग 2700 उम्मीदवारों ने भाग लिया।
सैकड़ों विद्यार्थियों की अंकसूची नहीं बनी
रिसर्च मैथडोलाजी और संबंधित विषय पेपर हुए। इसमें अंग्रेजी हिन्दी, प्रबंधन, वाणिज्य, कला, इंजीनियरिंग सहित कई 38 संकाय शामिल थे। इनकी माडल आंसरशीट पर विश्वविद्यालय और भी एमपी आनलाइन मिलकर परीक्षण कर रहे हैं। 80 विषयों के प्रश्नपत्रों की आंसर-की तैयार हो गई है। शेष विषयों की आंसरशीट पर काम अंतिम चरण में है।
डीईटी प्रभारी डा. अशेष तिवारी
ने कहा कि दस नवंबर तक प्रत्येक विषय की माडल आंसरशीट वेबसाइट पर अपलोड होगी। वे बताते है कि आपत्ति पर लगाने के दौरान उम्मीदवारों को सही उत्तर संबंधित दस्तावेज भी लगाने होंगे। आपत्ति दर्ज कराने के लिए शुल्क भी देना होगा। उन्होंने बताया कि दीपावली बाद विश्वविद्यालय डीईटी का परिणाम जारी करेगा क्योंकि अधिकांश कर्मचारियों की निर्वाचन कार्यों में ड्यूटी लगाई गई है।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणाम से जुड़े साफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी आई है। कुछ महत्वपूर्ण डाटा करप्ट हो चुका है। इससे स्नातक प्रथम वर्ष के कई विद्यार्थियों की अंकसूची में गलतियां हैं, जिसमें नाम से लेकर नामांकन की सही जानकारी नहीं है। सैकड़ों छात्र-छात्राओं को अंकसूची रोकना पड़ा है। अब इन्हें अंकसूची जारी कर वितरित नहीं की गई। विश्वविद्यालय अब इनका डाटा सुधारने में लगा है। साथ ही कालेजों को जल्द से जल्द छात्र- छात्राओं की जानकारी मांगी है। उसके आधार पर साफ्टवेयर में विद्यार्थियों का डाटा अपग्रेड किया जाएगा। इस काम में दस दिन का समय लग सकता है। विश्वविद्यालय ने बीए, बीकाम
बीएससी, बीबीए, बीसीए सहित स्नातक पाठ्यक्रम के सारे परिणाम घोषित कर दिए हैं, जिसमें प्रथम से लेकर अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणाम शामिल है। अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को अंकसूची मिल चुकी है। यह समस्या राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के सामने आई है, क्योंकि एनईपी वाले विद्यार्थियों के लिए अलग से साफ्टवेयर बना है। उसमें ठीक से डाटा नहीं चढ़ा है। इसके चलते परिणाम में विद्यार्थियों से जुड़ी जानकारी सटीक नहीं है। जिन विद्यार्थियों का डाटा में गड़बड़ी है, उनकी अंकसूची अभी प्रकाशित नहीं की है। विश्वविद्यालय ने कालेजों से डाटा मांगा है। संभवतः बुधवार तक संस्थानों से जानकारी मिल जाएगी। उसके बाद अंकसूची प्रिंट की जाएगी।