रिपोर्ट नलिन दीक्षित
इंदौर में साइबर ठगी के आरोपित कृष्ण कुमार को गिरफ्तार किया गया। जयसिन्हा रेड्डी का भाई, गिरोह का सदस्य था, जो दुबई से ठगी संचालित करता था। 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई, 400 फर्जी सिम कार्ड और 111 बैंक खातों का उपयोग किया गया। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
अपराध शाखा ने साइबर ठगी (डिजिटल अरेस्ट) के आरोपित के. कृष्ण कुमार को साइबराबाद (तेलंगाना) से गिरफ्तार किया है। गिरोह का मास्टर माइंड इसका भाई जयसिन्हा रेड्डी है, जो दुबई से नेटवर्क संचालित करता है। आरोपितों की कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना सहित छह राज्यों की पुलिस को तलाश है। पुलिस इस गिरोह के 111 बैंक खातों को फ्रीज करवा चुकी है।
भंवरकुआं क्षेत्र निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर युवती के साथ 12 लाख 10 हजार रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। पुलिस ने जांच कर झालावाड़ (राजस्थान) के आनंद कुमार को पकड़ा तो उसके अनुसार उसने जयसिन्हा के इशारे पर फर्जी खातों की व्यवस्था की थी। पुलिस दो महीने पूर्व जयसिन्हा के घर पहुंची तो पत्नी श्वेता रेड्डी ने बताया कि वह दुबई से गैंग आपरेट करता है। जयसिन्हा पहले ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से ठगी करता था।
श्वेता और जयसिन्हा विशाखापट्टनम में लाखों रुपयों की धोखाधड़ी के मामले में भी गिरफ्तार हो चुके हैं। गुरुवार को अपराध शाखा ने जयसिन्हा के भाई के. कृष्ण कुमार को गिरफ्तार कर लिया। कृष्ण कुमार रुपयों को ठिकाने लगाने और गिरोह के सदस्यों में बंटवारा करने का काम करता था। आरोपितों द्वारा 400 से ज्यादा फर्जी सिमकार्ड का उपयोग किया गया था। इसमें कई सिम वृद्ध बीवीएन रेड्डी के नाम पर जारी करवाई थी।
क्रिप्टो करंसी से एक्सचेंज
पूछताछ में कृष्ण कुमार ने बताया कि जयसिन्हा ज्यादा वक्त दुबई में बिताता है। धोखाधड़ी के रुपयों से बायनेंस (एक्सचेंज) के माध्यम से यूएसडीटी (क्रिप्टो करंसी टेथर) खरीद कर दुबई में कैश करवा लेता था। रुपये भारत में हवाला के माध्यम से भेजे जाते थे। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
युवती की शादी के लिए रखी पूंजी डीसीपी बनकर ठगी एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के अनुसार युवती बेंगलुरु में साफ्टवेयर इंजीनियर है। स्वजन उसकी शादी की तैयारी कर रहे थे। युवती ने शादी के लिए ही रुपये जमा किए थे।
आरोपितों ने 25 मई को कोरियरकर्मी बनकर कॉल कर बताया कि उसके द्वारा मुंबई से ताइवान भेजा पार्सल कस्टम विभाग ने रद कर दिया है। उसमें फर्जी पासपोर्ट, 200 ग्राम ड्रग, क्रेडिट कार्ड, पांच किलो कपड़े, एक लैपटाप शामिल है। आरोपित ने कहा कि पार्सल आधार कार्ड से लिंक भी किया गया है। उसने फर्जी साइबर क्राइम (अंधेरी) में काल ट्रांसफर की और गिरोह के सदस्यों को इंस्पेक्टर बनाकर बात करवाई।
ठग ने युवती से कहा कि चार घंटे के अंदर बयान दर्ज करवाने के लिए मुंबई आना होगा। उसने युवती को स्काइप कॉल से जोड़ा और फर्जी डीसीपी (बालूसिंह) से बात करवाई। उसने भी मनी लान्ड्रिंग, तस्करी, धोखाधड़ी जैसे मामलों में गिरफ्तार करने की धमकी दी और खाते की जांच का झांसा देकर 12 लाख 10 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए।