जन्म से लेकर एक वर्ष आयु तक के शिशु एवं मातृ मृत्यु की सूचना देने वाली आशा कार्यकर्ताओं को मिलेंगी एक हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि
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कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न
इंदौर, 06 जून 2025
इंदौर जिले में मातृ शिशु कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। जिले में मातृ शिशु मृत्यु की लगातार निगरानी और समीक्षा हो रही है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये कि जिले में यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी भी शिशु और मातृ की मृत्यु नहीं हो। उन्हें समय पर सभी चिकित्सकीय सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध करायी जाये। समय पर उनका हर तरह का परीक्षण सुनिश्चित हो, समय पर प्रत्येक टीके लगाये जाये। उन्होंने बताया कि जन्म से लेकर एक वर्ष आयु तक के शिशु एवं मातृ मृत्यु की सूचना देने वाली आशा कार्यकर्ताओं को एक हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इससे निगरानी और समीक्षा में मदद मिलेगी।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में आज यहां जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या, सिविल सर्जन डॉ. जी.एल. सोढ़ी, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री रजनीश सिन्हा सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम की गहन समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिये विशेष प्रयास किये जायें। उन्होंने कहा कि मातृ और शिशु मृत्यु की रोकथाम प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि जन्म से लेकर एक वर्ष आयु तक के शिशु एवं मातृ मृत्यु की सूचना देने वाली आशा कार्यकर्ताओं को एक हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इससे निगरानी और समीक्षा में मदद मिलेगी।
बैठक में उन्होंने गर्भवती माताओं की सभी जाँच और टीकाकरण समय पर कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गर्भवती महिला की न्यूनतम चार प्रसव पूर्व जाँच एवं अंतिम तिमाही में दो चिकित्सकीय परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाना सुनिश्चित किया जाये। जाँच में ब्लड प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, यूरिन एलब्यूमिन, पेट की ऊँचाई, शिशु की धड़कन आदि की भी विशेष रूप से जाँच की जाये।

यह जानकारी अनमोल पोर्टल, MCP कार्ड और रजिस्टर में दर्ज करना अनिवार्य किया जाये। प्रसव के बाद आशा और एएनएम द्वारा कम से कम छ: गृह भेंट (Home Visits) करें। महिला और नवजात की स्थिति MCP कार्ड में दर्ज की जाये, तथा खतरे के लक्षणों की स्थिति में त्वरित रेफर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने रूबेला टीकाकरण पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। बैठक में क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के संबंध में समीक्षा की गई।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये कि क्षय रोग नियंत्रण के प्रयासों को और भी अधिक तेज किया जाये। समुदाय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाये, जिससे समय रहते उपचार संभव हो सकें। उन्होंने क्षय नियंत्रण एवं जागरूकता के लिये चलाये जा रहे है नि-क्षय मित्र और यांरी अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के भी निर्देश दिये।