तारीख पर तारीख” अब इतिहास के पन्नो मे दफन : परमार
इंदौर । एक जुलाई से लागू किये गये भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम से अब हर किसी को समय पर सुलभ रूप से न्याय मिलेगा। न्याय में देरी नहीं होगी। दर्ज प्रकरणों में समय पर अनुसंधान होगा। समय पर प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। यह बात बुधवार को केन्द्रीय जेल इंदौर मे जेल पुलिस कर्मयो के आयोजित कार्यशाला मे केन्द्रीय संचार ब्यूरो के प्रचार अधिकारी दिलीप सिंह परमार ने कही। आगे श्री परमार ने कहा कि अब न्याय फाईले नीचे नही दबेगी और त्वरित नयाय होगा। नई प्रणाली मे सभी अभिलेख डिजिटल होगे जिसमे कोर्ट, पुलिस, फॉरेंसिक, अभियोजन ,प्रिजन आपस मे जुड जाएगे। कंप्यूटर का एक बटन दबाने से न्यायालय एवं न्याय प्रणाली से जुडे सभी पक्षो को पूरे अभिलेख उपलब्ध हो जाएगे। श्री परमार ने कहा कि “तारीख पर तारीख ” वाला जमाना इतिहास के पन्नो मे दफन हो गया। इस अवसर पर एडवोकेट श्री देवेन्द्र जैन ने कहा कि एक जुलाई को लिखे गए FIR मे अधिकतम 3 साल मे निर्णय हो जाएगा।आगे श्री जैन ने कहा कि नए कानून एवं प्रावधानो से अब हम अंग्रेजी मानसिकता से बाहर आये है। अब हमारा कानून है,हमारे प्रावधान है। अनुसंधान एवं कानूनी प्रक्रिया सरल हुई है। समाज लाभान्वित होगा। कानून का दुरुपयोग भी रूकेगा। कार्यक्रम मे जेल अधीक्षक श्रीमती अल्का सोनकर,उप जेल अधीक्षक श्री आई.एस.नागर,श्री संतोष लारिया, सहायक जेल अधीक्षक पूजा मिश्रा उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन समाज सेविका जया शेट्टी ने किया तथा आभार सहायक जेल अधीक्षक पूजा मिश्रा ने माना।
केन्द्रीय संचार ब्यूरो इन्दौर
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