भिलाई स्पात संयंत्र की बेशकीमती 465 एकड़ जमीन और 1100 मकानों पर कब्जा, कहीं फार्म हाउस तो कहीं उद्योग चल रहे है
25 से 30 साल पुराना कब्जा, कब्जे की जमीन पर ही ईट भट्टे व उद्योग चल रहे है
रिपोर्टर डॉ रामदत्त दीक्षित, भिलाई, छत्तीसगढ़ से
भिलाई, बीएसपी की जमीन लगभग 465 एकड़ पर अवैध कब्जे कर इनमें शहर के विभिन्न हिस्से और आसपास के ग्रामीण अंचल सहित राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पर बेशकीमती जमीन पर अवैध धंधे, ईट भट्टे चल रहे है। यह कब्जा हाल फिलहाल में नहीं किया गया है, बल्कि 25 से 30 साल पहले किया गया है। इस जमीन पर कहीं उद्योग धंधे तो कहीं ईट भट्टे तो कहीं शानदार फार्म हाउस बनाये गये है और उनमें खेती की जा रही है।
और तो और किसी किसी जमीन पर तालाब बनाकर मछली पालनहो रहा है। मरोदा और रुआबांधा में तो पूरी की पूरी जमीन पर बस्ती बसाई गयी है।
अब सेल कार्पोरेट आफिस बीएसपी से एक एक इंच जमीन का हिसाब मांग रहा है।
बीएसपी प्रबंधन भी अब नये सिरे से कब्जे वाली जमीन का हिसाब व कब्जे वाले मकानों की जानकारी जुटाने में लग गया है। बताया जा रहा है कि जिस तेजी से बीएसपी की खाली पड़ी जमीन पर अवैध कब्जे हुये है उसी तेजी से भिलाई स्टील प्लांट टाउनशिप के मकानों पर भी अवैध कब्जे हुये है।
ताबड़तोड़ कार्रवाई के बावजूद करीब
1100 मकान अभी भी कब्जे धारियों के कब्जे में है। इनमें अधिक तर मकान खुर्सीपार व केम्प एरिया के है। इन कब्जे धारियों का इतना खौफ है कि बीएसपी चाह कर भी अपने मकान खाली नहीं करवा सकती है।
वहां रहने वाले लोग न तो बिजली का भुगतान कर रहे न पानी और सफाई का इस वजह से ही बीएसपी को हर साल 3 से 5 करोड़ का सालाना नुक्शान हो रहा है।
बीएसपी के अधिरियों के मुताबिक पिछले एक डेढ़ साल में प्रबंधन मात्र करीब 35 एकड़ जमीन और 700 आवासों को कब्जा मुक्त करवा पाये है 400 छोटे बड़े कब्जों को ध्वस्त किया गया है। और लगभग 250 डिक्री आदेश का क्रियान्वयन किया है।
कब्जे धारी जमीन हतियाते रहे और बीएसपी प्रबंधन चैन की नींद सोता रहा
नेवयी, मरौदा क्षेत्र में 365 एकड़ बीएसपी की जमीन पर पूरा कस्बा बसा हुआ है यहां पर दब दबे वाले लोग होस्टल, ढ़ाबे, शापिंग काम्प्लेक्स से लेकर सभी तरह के कारोबार बीएसपी की बेशकीमती जमीन पर कर रहे है।
चिखली में नदी किनारे की जमीन पर आज भी एक दबदबे वाला शख्स केले और पपीते की खेती कर रहा है।
महामरा में तो एक रसूखदार ने आम का बड़ा सा बगीचा ही बना रखा है।
अहेरी और बीरेभाट स्थित 7 एकड़ जमीन पर कब्जेधारी ने एक आलीशान फार्म हाउस बनाकर पपीते और केले धान की खेती की जा रही है यह लगभग 60 करोड़ की जमीन है।
नंदिनी मायंस की 3000 एकड़ जमीन का अब कोई मां बाप नहीं है जहां देखों कब्जाधारी अवैध निमार्ण कर रहे है, खाली पड़े आवासों पर कब्जा हो गये है और हो रहे है।
रायपुर नाका दुर्ग की जमीन को कब्जे धारियों ने कब्जा कर डेरी फार्म खोल लिये है।
कुटेलाभाटा, जेवरासिरसा में बीएसपी ने अपनी जमीन आईटी आई को दी है जिसमें पहले कुटेलाभाटा बस्ती बस गयी थी। सिरसा में निगम ने अपना डोग हाउस बना रखा है।
इन गांवों में अधिकतर बीएसपी की जमीन कब्जे में है
नंदिनी, अहिवारा, कुम्हारी, उतयी, डुमरडीह, कुटेलाभाटा, जेवरा-सिरसा,
चिखली, रवीलीडीह, मोहलाई, पतोरा, परेवाडीह, देवरझाल, चुनकुट्टा, मुड़ीपार सहित करीब दो दर्जन गावों ने बीएसपी की जमीन पर टुकड़े टुकड़ों में कब्जा किया हूआ है। आज यहां अधिकृत जमीन पर मालिक बने बैठै है बीएसपी प्रबंधन उनका कुछ नहीं बिगाड़ पा रही है।
भिलाई स्पात संयंत्र की बेशकीमती 465 एकड़ जमीन और 1100 मकानों पर कब्जा, कहीं फार्म हाउस तो कहीं उद्योग चल रहे है
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