रिपोर्ट नलिन दीक्षित
भारत में फार्मा कंपनियों द्वारा बिना उचित जांच और नियमों का पालन किए गए करीब तीन दर्जन दवाओं के लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल बुखार, मधुमेह, बीपी, और फैटी लीवर जैसी बीमारियों के लिए किया जा रहा है।
इन दवाओं के प्रभाव और सुरक्षा का वैज्ञानिक सत्यापन न होने से मरीजों की जान को खतरा हो सकता है।
केंद्रीय ड्रग कंट्रोलर डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने इस लापरवाही पर नाराजगी जताई और संबंधित राज्यों से इन दवाओं के लाइसेंस की प्रक्रिया की पुनः समीक्षा करने की अपील की। 35 से ज्यादा दवाओं के लाइसेंस तत्काल निरस्त किए गए हैं।