रिपोर्ट नलिन दीक्षित
भारत सरकार ने अपनी अत्याधुनिक Space-Based Surveillance-3 (SBS-3) योजना को दो साल पहले पूरा करने का फैसला किया है। पहले यह योजना 2028 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब इसे 2026 के अंत तक या उससे पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना की कुल लागत करीब 3 अरब डॉलर (लगभग ₹22,500 करोड़) बताई जा रही है।
मुख्य बिंदु ये है।
52 सैटेलाइट्स की एक श्रृंखला तैयार की जा रही है, जिनमें से 31 निजी कंपनियां बनाएंगी और 21 इसरो (ISRO) द्वारा तैयार किए जाएंगे।
यह निर्णय हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिया गया है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।
Ananth Technologies, Centum Electronics और Alpha Design Technologies जैसी कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे सैटेलाइट निर्माण का कार्य सिर्फ 12-18 महीनों में पूरा करें।
इनमें से एक सैटेलाइट इस साल ही तैयार हो सकता है और उसे ISRO के LVM-3 रॉकेट या SpaceX रॉकेट से लॉन्च किया जा सकता है।
ये सैटेलाइट्स AI तकनीक से लैस होंगे, जो रियल-टाइम जियो-इंटेलिजेंस, इंटर-सैटेलाइट कम्युनिकेशन और डिजास्टर मैनेजमेंट में भी उपयोगी होंगे।
यह कदम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करने के साथ-साथ, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों पर नजर रखने की क्षमता को कई गुना बढ़ाएगा।