रिपोर्ट नलिन दीक्षित
मुंबई, 18 जून 2025 भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने 2011 में IPL से बाहर की गई कोच्चि टस्कर्स केरला फ्रेंचाइज़ी के पक्ष में सुनाया गया 538 करोड़ रुपए का मध्यस्थता अवॉर्ड बरकरार रखते हुए BCCI की आपत्ति खारिज कर दी है।
कोच्चि टस्कर्स फ्रेंचाइज़ी को अनुबंध के उल्लंघन का हवाला देकर BCCI ने सिर्फ एक सीज़न बाद IPL से बाहर कर दिया था। इसके खिलाफ फ्रेंचाइज़ी ने मध्यस्थता का रास्ता अपनाया, जिसमें उनके पक्ष में 538 करोड़ रुपए का मुआवजा तय किया गया। BCCI ने इस अवॉर्ड को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति आर.आई. चागला की बेंच ने स्पष्ट किया कि अदालत, मध्यस्थता अधिनियम की धारा 34 के तहत मध्यस्थता में दिए गए फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती जब तक उसमें कोई कानूनी त्रुटि न हो। कोर्ट ने BCCI की याचिका को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया।
इस फैसले के बाद अब BCCI को यह भारी भरकम मुआवजा चुकाना पड़ सकता है, जिससे बोर्ड पर वित्तीय दबाव बढ़ने की संभावना है। साथ ही यह निर्णय भविष्य में अन्य फ्रेंचाइज़ी विवादों में भी एक मिसाल बन सकता है।
यह फैसला भारतीय क्रिकेट प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और अनुबंधों की वैधता को लेकर एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।