रिपोर्ट नलिन दीक्षित
ताकि 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के दौरान बंधक बनाए गए शेष लोगों को रिहा करने के लिए हमास पर दबाव बनाया जा सके। हमास की ओर से सात अक्टूबर को किए गए।
हमास के खिलाफ पिछले महीने युद्ध फिर से शुरू करने के बाद से इजरायल ने गाजा पट्टी में अपने प्रभाव का तेजी से विस्तार किया है।
अब वहां 50 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र उसके नियंत्रण में है। इजरायली सैनिकों और अधिकार समूहों ने बताया कि सेना की ओर से नियंत्रित सबसे बड़ा निकटवर्ती क्षेत्र गाजा सीमा के आसपास है, जहां सेना ने फिलिस्तीनी मकानों, कृषि भूमि और बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया है। इस हद तक तबाही मचाई कि अब वहां रहना असंभव है। हाल के सप्ताह में इस सैन्य बफर जोन का आकार दोगुना हो गया है। इजरायल का कहना है।
कि उसकी यह कार्रवाई अस्थायी रूप से जरूरी है, ताकि 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के दौरान बंधक बनाए गए शेष लोगों को रिहा करने के लिए हमास पर दबाव बनाया जा सके। हमास की ओर से सात अक्टूबर 2023 को किए गए हमले के बाद यह युद्ध शुरू हुआ था।
बहरहाल, मानवाधिकार समूहों और गाजा संबंधी मामलों के विशेषज्ञों का कहना है।
कि इजरायल के कब्जे वाली भूमि में क्षेत्र के उत्तर को दक्षिण से विभाजित करने वाला गलियारा भी शामिल है। इसका इस्तेमाल दीर्घकालिक नियंत्रण के लिए किया जा सकता है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले सप्ताह कहा था कि हमास की हार के बाद भी इजरायल गाजा में सुरक्षा नियंत्रण बनाए रखेगा और फलस्तीनियों को वहां से जाने के लिए मजबूर करेगा। इजरायल के 5 सैनिकों ने बताया कि इजरायली सीमा के निकट ध्वस्तीकरण और बफर जोन का व्यवस्थित विस्तार 18 महीने पहले युद्ध शुरू होने के बाद से जारी है।
हमलों पर इजरायल का क्या कहना है?
टैंक दस्ते के साथ तैनात एक सैनिक ने कहा, ‘इजरायली बलों ने वह सब कुछ नष्ट कर दिया जो वे कर सकते थे। फिलिस्तीनियों के पास वापस आने के लिए कुछ नहीं होगा, वे वापस नहीं आएंगे, कभी नहीं। हताहत हुए सैनिकों के बारे में पूछे जाने पर इजरायली सेना ने कहा कि सेना अपने देश की रक्षा के लिए और 7 अक्टूबर के उस हमले के कारण तबाह हुए दक्षिणी समुदायों में सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधक बनाए गए थे।
सेना ने कहा कि वह गाजा में आम नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती और वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करती है। उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों से पता चलता है।
कि जिन इलाकों में कभी घनी आबादी थी वे अब मलबे में तब्दील हो गए हैं। संघर्ष विराम समझौता समाप्त होने के बाद से लगभग एक दर्जन नई इजरायली सैन्य चौकियां भी बन गई हैं।