मध्य प्रदेश निमाड़ क्षेत्र के आशापुर पहाड़ी के समीप
माँ आशापुरी स्वयंभू होकर पाण्डवों की कुलदेवी के रूप में पूजी जाती है। चैत्र माह की नवमी पर ओंकारेश्वर के राजा मांधाता के वंशज सहित 28 गोत्र के श्रद्धालु भक्तों द्वारा पूरा परिवार स्नान कर गीले वस्त्रों में स्वयं प्रसादी बनाकर माताजी को नवविवाहित वर वधू अपने हाथों से भोग अर्पित करते है ।
माँ के धाम पर गुजरात , महाराष्ट्र राजस्थान सहित मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से आकर माँ की पूजा अर्चना कर दर्शन लाभ लेते हुए अपनी मन्नतें पूरी करते हैं नवरात्रि पर्व पर मंदिर में लगातार लाखों भक्त माताजी के दर्शन कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं वही मंदिर समिति के द्वारा परिसर में स्वच्छता के साथ समस्त व्यवस्था में सहयोग करते हे



