भारत सरकार की आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज करने वाले अस्पतालों की संख्या जिले में कम होती जा रही है। जिले में कोरोना के समय करीब 110 अस्पताल थे, जिनमें इस योजना के अंतर्गत गरीब और जरूरतमंद मरीजों को उपचार मिलता था, लेकिन अब इनकी संख्या कम होकर 68 हो गई है। जिले में योजना का लाभ लेने वाले हितग्राहियों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही हैं। इस कारण कई अस्पतालों में इलाज के लिए जाने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन अस्पतालों के कम होने के कई कारण बताए जा रहे हैं। जो अस्पताल योजना की गाइडलाइन का पालन नहीं करते थे। उन्हें भी इससे बाहर कर दिया गया है, वहीं कई अस्पतालों में गलत बिल लगाने के मामले भी सामने आ चुके हैं, जिन्हें भी जांच के बाद बाहर किया गया है। वर्तमान में जिले में 12 शासकीय
अस्पताल हैं, जहां योजना के अंतर्गत इलाज किया जा रहा है और 68 निजी अस्पताल हैं। अधिकारियों का कहना है कि जिन अस्पतालों में अनियमितता पाई गई थी, उन्हें इस योजना से बाहर कर दिया गया है। जिले में योजना के अंतर्गत आने वाले सभी मरीजों को उपचार मिल रहा है।
आयुष्मान योजना के अंतर्गत कार्ड बनाने में इंदौर लक्ष्य से भी अधिक बनाकर प्रदेश में पहले स्थान पर पहुंच गया है। जिले में 1174252 हितग्राहियों के कार्ड बनाने का लक्ष्य
रखा गया था। इस लक्ष्य को पार लिए करते हुए 1228000 हितग्राहियों के का कार्ड बनाए जा चुके हैं। वहीं इस योजना के अंतर्गत अब तक 147748 लोगों को उपचार मिल चुका है। बता दें कि इस योजना के अंतर्गत हितग्राही पांच लाख रुपये तक का उपचार निशुल्क करवा सकते हैं।
करोड़ों का भुगतान बकाया रुपये इंदौर संभाग के आठ जिलों में आयुष्मान भारत योजना के तहत पैनल में शामिल अस्पतालों को योजना के तहत मरीजों के इलाज के 2018
कोरोना के समय मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण अधिक संख्या में अस्पतालों को योजना के अंतर्गत शामिल किया गया था। वहीं जिन अस्पतालों में गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा था, उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया है। – डा. संतोष सिसोदिया, आयुष्मान नोडल अधिकारी
195.22 करोड़ रुपये के भुगतान इंतजार है। क्षेत्रीय निदेशक स्वास्थ्य सेवा कार्यालय के रिकार्ड के मुताबिक आठ जिलों के लगभग 159 सूचीबद्ध अस्पतालों में योजना की शुरुआत से 742.37 करोड़ रुपये का उपचार हुआ है। इनमें से अस्पतालों को 21 दिसंबर तक 547.15 करोड़ ही मिले हैं। बता दें कि आयुष्मान भारत योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 द्वारा सितंबर में शुरू की गई थी।