रिपोर्ट नलिन दीक्षित
वर्तमान समय में सनातन संत परंपरा के सबसे बड़े संवाहक के रूप में हमारे बीच हैं स्वामी प्रेमानंद जी महाराज।
वृंदावन की गलियों से लेकर देश-विदेश तक इनकी ख्याति है।
जहां लाखों-करोड़ों भक्त श्रद्धा भाव से प्रेमानंद जी का अनुसरण करते हैं।
दोनों किडनी खराब होने एवं प्रतिदिन मेडिकल उपचार होने के बाद भी प्रेमानंद जी की आध्यात्मिक ऊर्जा एवं उनकी जागृत चेतना सतत बनी हुई है।
काशी के तुलसी घाट में संन्यासी जीवन का लंबा समय व्यतीत करने के बाद अब वृंदावन में प्रेमानंद जी सनातन ज्ञान एवं दर्शन को जनसामान्य तक पहुंचा रहे हैं।
मेरी संस्कृति मेरा देश…मेरा अभिमान