रिपोर्ट नलिन दीक्षित
प्रभावी कार्रवाई और मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल पोर्टल तैयार है। संभवत: यह 1 मार्च से शुरू हो सकता है। इसके बाद से सारे नोटिस पोर्टल के माध्यम से ही जारी होंगे। इससे रिकॉर्ड भी सुरक्षित होगा और कार्रवाई की ट्रैकिंग भी हो सकेगी।
भवन अधिकारियों को अलग-अलग आईडी प्रदान की जाएगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कब, किस अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया गया।
पोर्टल के डेशबोर्ड पर सभी जोनों की जानकारी एक क्लिक में उपलब्ध होगी। इससे वरिष्ठ अधिकारी सीधे निरीक्षण कर सकेंगे।
वैध-अवैध कॉलोनियों व स्वीकृत-अस्वीकृत प्रकरणों का रिकॉर्ड पोर्टल पर सुरक्षित रहेगा।
सभी नोटिस जिला प्रशासन को भी ऑनलाइन भेजे जाएंगे ताकि इसकी निगरानी उच्च स्तर पर हो सके। इससे प्रभावी नियंत्रण होगा।
नोटिस पर दिन और समय की सटीक जानकारी अंकित होगी।
प्रकरण दर्ज होने के बाद उसके अंतिम निर्णय तक पूरी प्रक्रिया ट्रैक की जा सकेगी।
अभी ट्रायल चल रहा
वर्तमान में यह पोर्टल टेस्टिंग और ट्रायल फेज में है। इसमें विभिन्न जोनों के सुझावों और संशोधनों पर कार्य किया जा रहा है। अंतिम सुधारों के बाद 1 मार्च से यह पोर्टल पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि निगम ना सिर्फ नोटिसों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए पोर्टल के माध्यम से काम करेगा बल्कि सभी दस्तावेजों का भी डिजिटलीकरण किया जा रहा है।
ताकि चोरी होने, गुम होने या आगजनी जैसी घटनाओं के बीच भी यह सुरक्षित रह सके।
एक क्लिक पर सारी जानकारी मिल सके। रिकॉर्ड को अलग से ढूंढना नहीं पड़े।