रिपोर्ट : सृष्टि त्रिपाठी
ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर शिकंजा कसने की तैयारी
SC, HC, एन०जी०टी० के आदेश का पालन जरूरी
सभी धार्मिक स्थलों , अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रो के नियंत्रण का आदेश अनियंत्रित व नियम विरुद्ध प्रयोग पर नियंत्रण और कार्यवाही के लिए दिए गए दिशा-निर्देश|
शोर से मनुष्य के काम करने की क्षमता, आराम, नींद और संवाद में व्यवधान होता है, कोलाहल पूर्ण वातावरण के कारण उक्त रक्तचाप, बैचेनी, मानसिक तनाव तथा अनिद्रा जैसे प्रभाव शरीर में पाये जाते है।
अधिक शोर होने पर कान के आंतरिक भाग की क्षति होने के प्रमाण पाये गये है।
दिशा निर्देश का कड़ाई से पालन किये जाने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी सार्वजनिक आपात स्थिति को छोड़कर रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच तीव्र संगीत का उपयोग नहीं किया जा सकेगा डी० जे० संचालक , होटलो , रेस्टोरेंट,बार को डी जे यूनिट के संचालन का नियमानुसार लायसेंस लेना अनिवार्य किसी भी डी०जे० यूनिट पर अधिकतम एक साउण्ड सिस्टम होगी साउंड सिस्टम की ध्वनि निर्धारित मापदण्डो के अनुसार ही उपयोग किया जा सकेगा ध्वनि विस्तारक यंत्रो का उपयोग प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक ही होगा।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी / पुलिस उपायुक्त की अनुमति दे सकेंगे यह अनुमति 02 घंटे से अधिक की नहीं होगी उपयोग की अनुमति कार्यकम परिसर मे ही दी जावेगी ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग हेतु दी गई अनुमति ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 का पालन जरूरी होगा।