इंदौर । 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर मध निषेध संकल्प दिवस का आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों, युवाओं मे शराब एवं अन्य मादक पदार्थों की बढ़ती हुई समस्या को लेकर जागरूक करना है तथा उन्हें बताना है कि इन मादक पदार्थों के सेवन से इस प्रकार शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आर्थिक पतन होता है ।
अनेक प्रकार की हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर एवं अन्य कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। शराब पीने से पेट का कैंसर, लीवर कैंसर, पित्ताशय का कैंसर होने की अधिक संभावना होती हैं, लोग शराब के साथ सिगरेट का सेवन अधिक करते हैं जो और भी अधिक खतरनाक हो जाता है ।
शराब पीने के बाद तेज मिर्च मसाले वाले खाने से शरीर का पाचन तंत्र दूषित हो जाता है और अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं। शराब का सेवन करने के बाद वाहन चालन करने से अनेक प्रकार के दुर्घटनाओं के समाचार हमें रोज मिलते हैं, शराब पीने के बाद लड़ाई झगड़े, चोरी एवं महिला उत्पीड़न की समस्याएं समाज में अधिक देखने को मिलती है ।
शराब पीने के बाद में मनुष्य का तंत्रिका तंत्र उत्तेजित हो जाता है और वह नहीं करने वाले कामों को भी कर बैठता है, जिससे भविष्य में गंभीर परिणाम सामने आते हैं ।
शराब की लत लगने पर व्यक्ति अपनी आय का अधिकांश भाग मादक पदार्थों में खर्च कर देता है, जिससे उसके परिवार की आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था बिगड़ जाती है ।
30 जनवरी को मद्यपान करने वाले व्यक्तियों के द्वारा एक संकल्प पत्र भरवाए जाता है कि वह भविष्य में कभी भी शराब का सेवन नहीं करेंगे। 30 जनवरी को सेमिनार, रैली, वर्कशॉप, प्रदर्शनी , वाद-विवाद, निबंध, लेखन, पोस्टर प्रतियोगिता, नाटक, गीत, नृत्य एवं अस्पताल में आने वाले मरीजों को इनके दुष्प्रभाव के बारे में बताया जाता है ।ताकि वह भविष्य में इस प्रकार के पदार्थों का सेवन ना करें।
निश्चित रूप से शराब छोड़ने के बाद कुछ समस्याएं आने लगती हैं उनका इलाज करने के लिए सामाजिक एवं शासकीय क्षेत्रों में अनेक केंद्र बने हुए हैं एवं अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं के द्वारा भी इनसे सहायता मिलती है, अनेक प्रकार के रोगी शराब का सेवन बंद कर चुके हैं और अपना जीवन बेहतर तरीके से गुजर रहे हैं, ।
आजकल समाज में नशा तेजी से फैल रहा है और यही नशा शरीर में जाकर शरीर को खोखला कर रहा है नशा करने वाले इस को महसूस भी कर रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवाओं में, महिलाओं में इस जहर का चलन बढ़ रहा है ।
क्या जानते हैं इससे आपके पैसों की बर्बादी तो हो ही रही है, समाज में आपकी इज्जत धूमिल हो रही है और सबसे बड़ी बात आप अपने ही शरीर के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं। अनेक प्रकार की बीमारियां आपके इस नशे के कारण आपके शरीर में हो गई हैं या होने वाली है।
छोटी बीमारी से लेकर भयंकर कैंसर जैसी बीमारियां। क्या आपको पता है आपका यह शौक आपके शरीर में होने वाली लीवर, किडनी, कैंसर जैसी बीमारियों में आपके घर वालों को और आप को कितना परेशान करने वाली हैं। हो सकता है इलाज कराते कराते आप चले जाएं और परिवार को दे जाएं। एक सूनापन, कमजोर अर्थव्यवस्था, सामाजिक एकाकीपन ।।
आपका यह नशा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में भी जीन के माध्यम से जाने की संभावना है । मतलब आप अपना नशे का ही शौक अपने आने वाली पीढ़ी को देकर जाएंगे। मानता हूं आपका यह नशा छोड़ना आपके लिए मुश्किल है । पर आपका नशा आपके परिवार पर भारी पड़ रहा है ।
एक बार नजर उठा कर देखिए अपने परिवार पर , की उनकी जिम्मेदारी आप पर है, उनके लिए आप सब कुछ है, जरूरत पड़ने पर परिवार ही सबसे पहले साथ खड़ा होता है, अपने परिवार और अपने समाज की ताकत बने ना कि उन पर बोझ, एक बार नशा छोड़ कर देखिए, आपकी इज्जत आपकी अपनी नजरों में बढ़ जाएगी, आप दूसरों को अपना स्वयं का उदाहरण देंगे।
आज इस नूतन वर्ष पर नशा छोड़ने का संकल्प लें और जो नशा नहीं करते हैं, वह किसी एक व्यक्ति का नशा छुड़वाने का संकल्प लें ।अस्पताल, सामाजिक संगठन, नशा मुक्ति केंद्र आपके साथ हैं । आप एक कदम बढ़ाए, सैकड़ों कदम आपके साथ होंगे।
लेखक:

इंदौर।।।