इंदौर और उज्जैन संभाग के लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रदर्शन में सुधार लाने के उद्देश्य से रेजिंग एंड एक्सलेरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (रैम्प) योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन एससेन्टिया होटल पिपलियाहना इंदौर में किया गया। इस कार्यशाला में संभाग के विभिन्न उद्योग संघों और उद्यमियों ने सक्रिय भागीदारी की।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उद्यमियों को एनएसई एसएमई प्लेटफार्म पर पंजीकरण कर अपने उद्योगों के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने और सेबी गाइडलाइन्स की जानकारी प्रदान करना था।
साथ ही कार्यक्रम में ज़ीरो डिफेक्ट ज़ीरो इफेक्ट (जेड) योजना, लीन मैन्युफैक्चरिंग प्रतिस्पर्धात्मकता योजना (एलएमसीएस), बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), और व्यापार प्राप्य इलेक्ट्रॉनिक डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस) पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यशाला की शुरुआत में रैम्प योजना की जानकारी दी गई। इसके बाद स्टेट नोडल ऑफिसर रैम्प श्री अनिल थागले ने एनएसई के माध्यम से उद्योगों को वित्तीय संसाधन जुटाने के तरीकों पर प्रकाश डाला।
अपने संबोधन में उन्होंने रैम्प योजना के उद्देश्य, मध्य प्रदेश सरकार की भूमिका और स्थानीय उद्योगों के लिए उपलब्ध संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
सीनियर वाइस प्रेसीडेंट एनएसई डॉ. हरीश आहूजा ने स्टॉक लिस्टिंग प्रक्रिया की जानकारी दी और बताया कि लगभग 12 उद्योगों ने एनएसई लिस्टिंग के लिए अपनी रुचि व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, “एसएमई इकोसिस्टम को मजबूत करने से न केवल यह लार्ज-स्केल इंडस्ट्रीज को आकर्षित करता है, बल्कि उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धात्मक भी बनाता है।” कार्यक्रम में उद्योग प्रतिनिधियों ने विभिन्न विषयों पर सवाल पूछे और विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त की।
श्री रंजीत राजोरा (स्वस्तिक इंवेस्टमार्ट) और श्री निलेश राठी (एमडी, सिस्टांगो टेक्नोलॉजी लिमिटेड) जैसे प्रबुद्ध वक्ताओं ने एनएसई लिस्टिंग के अनुभव साझा किए।
बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर आयोजित सत्र का संचालन डॉ. अजय चौबे ने किया।
उन्होंने पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, और डिज़ाइन से संबंधित प्रक्रियाओं की जानकारी दी। साथ ही, उद्योगपतियों को बौद्धिक संपदा संरक्षण के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह उनके उत्पाद और सेवाओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
कार्यशाला में बड़ी संख्या में उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया और इसे अत्यंत उपयोगी बताया। आयोजकों का मानना है कि ऐसे कार्यक्रम स्थानीय एमएसएमई को उनके व्यवसाय के विस्तार और प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायता करेंगे।